Lohagad fort trek in hindi | लोहगढ किला ट्रेक

Lohagad fort trek in hindi लोहगढ़ किले का ट्रेक महाराष्ट्र के प्रमुख ट्रेकिंग स्थानों में से एक है। यह किला अपनी मजबूत संरचना और ऐतिहासिक महत्व के कारण प्रसिद्ध है। “लोहगढ़” का अर्थ है लोहे जैसा मजबूत किला। इस किले का इतिहास मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा हुआ है। किला समुद्र तल से लगभग 3400 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह पुणे से लगभग 52 किलोमीटर और प्रसिद्ध लोनावला हिल स्टेशन से लगभग 20 किलोमीटर दूर है।

Lohagad fort trek in hindi

इतिहास और महत्व

Lohagad fort trek in hindi लोहगढ़ किला 18वीं शताब्दी का एक ऐतिहासिक किला है। यह कई शासकों जैसे बहमनी, निजाम, मुग़ल, चालुक्य, राष्ट्रकूट, यादव और मराठा साम्राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति केंद्र रहा।
1648 में, छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस किले को जीतकर अपने नियंत्रण में लिया। हालांकि, 1665 में पुरंदर की संधि के बाद यह मुगलों के कब्जे में चला गया।

किला लोहगढ़ गांव के नाम पर है, जो किले के आधार पर स्थित है। यह गांव अपने प्राचीन मंदिरों और यदुवंशी शासकों के समय के खंडहरों के लिए प्रसिद्ध है। किले में कई प्राचीन गुफाएं भी हैं, जिन्हें बौद्ध भिक्षुओं द्वारा उपयोग किया गया माना जाता है।

लोहगढ़ किला महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक है। यह किला 18वीं शताब्दी में महाराजा सूरजमल द्वारा बनवाया गया था। इस किले की खासियत इसकी संरचना और यहां से दिखाई देने वाला मनोरम दृश्य है।

वास्तुकला

Lohagad fort trek in hindi लोहगढ़ किले की वास्तुकला बेहद खास है। किले में चार मुख्य द्वार हैं – गणेश दरवाजा, नारायण दरवाजा, हनुमान दरवाजा और मुख्य प्रवेश द्वार। मुख्य द्वार पर सुंदर नक्काशीदार मूर्तियां देखी जा सकती हैं। किले पर “विंचू काटा” नामक एक प्रसिद्ध स्थान है, जो अपनी अनूठी डिजाइन के लिए जाना जाता है।

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लोहगढ किले के पास स्थित आकर्षण

lohgadh trek in hindi यह स्थान पर्यटन स्थल बन चुका है | लोहगढ किले को ट्रेक करना और यहा के आकर्षित स्थानो पर जाना यात्रीयोमे लोकप्रिय है | लोहगढ किले का ट्रेक और वहा के आकर्षक, खूबसूरत स्थान के बारे मे आगे बताया गया है |

लोनावला झील

लोनावला झील अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह झील पुणे जिले में स्थित एक प्रमुख हिल स्टेशन का हिस्सा है। यहां आने वाले पर्यटक चीकियों और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हैं।

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राजमाची पॉइंट :

राजमाची प्वाइंट ट्रेक के दौरान देखने लायक स्थान है। यह लोनावला रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर दूर है। यहां से आसपास का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है।

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कर्नाला पक्षी अभयारण्य :

यह अभयारण्य रायगढ़ जिले के पनवेल में स्थित है। 1968 में इसे पक्षी अभयारण्य का दर्जा मिला। यह स्थान प्रवासी और स्थानीय पक्षियों का निवास स्थान है।

तुंगा किला :

तुंगा किला कामशेत में स्थित है। इस किले तक पहुंचने के लिए 1200 फीट की ऊंचाई चढ़नी पड़ती है। यह किला पानी से तीन तरफ से घिरा हुआ है।

लायन्स पॉइंट :

भूशी डैम और एंबी वैली के बीच स्थित यह स्थान अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। मानसून के दौरान यहां झरने और हरियाली का नजारा देखने लायक होता है।

कुणे वॉटरफॉल्स :

यह खूबसूरत वॉटरफॉल 200 मीटर की ऊंचाई से गिरता है और यह खंडाला में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

श्री नारायणी धाम मंदिर : Lohagad fort trek in hindi

श्री नारायणी धाम मंदिर खंडाला के नजदिक का धनकवड़ी में स्थित है | यह नारायणी धाम मंदिर माँ नारायणी को समर्पित है जिसका निर्माण वर्ष 2002 में किया गया था | यह पुरा मंदिर सफ़ेद पत्थरों से बनाया हुआ हैं | इस मंदिर मे चार मंजिला हैं जिनमे भगवान गणपति, हनुमान जी और अन्य देवी देवताओं की मूर्ती स्थापित की गयी हैं |

बंजी जंपिंग :

Lohagad fort trek in hindi की यात्रा को जाते वक्तआप खंडाला मे आप डेला एडवेंचर्स पार्क मे बंजी जंपिंग का मजा ले सकते हैं | बंजी जम्पिंग का साधन 150 फीट की ऊंचाई पर है | बंजी जम्पिंग में 10 वर्ष से अधिक और 35 किलोग्राम से कम वजन के लोगो को अनुमति दी जाती हैं | बंजी जंपिंग ऊन लोगो के लीये है जो साहसी है |

भुशी डैम :

भुशी डैम खंडाला में इंद्रायणी नदी पर स्थित है | भुशी डॅम मान्सून मे सबसे अधिक भेट देनेवाला इस क्षेत्र खंडाला क्षेत्र का लोकप्रिय डॅम है | स्थलों में से एक हैं | बडी चट्टानो से नीचे गिरता हुआ पानी और उसकी आवाज मन को तृप्त करती है |

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इमेजिका खंडाला : Lohagad fort trek in hindi

लोहागढ़ किला के प्रमुख आकर्षण में इमेजिका थीम पार्क भी शामील है | इस पार्क को अप्रैल 2013 में बनाया गया हैं | यह पार्क महाराष्ट्र का लोकप्रिय मनोरंजन थीम पार्क है | यह वन स्टॉप मनोरंजन पॉइंट है | इमेजिका थीम पार्क खोपोली के पास मुंबई और पुणे एक्सप्रेसवे पर है | यह पार्क तीन मनोरंजन क्षेत्रों में है, थीम पार्क, स्नो पार्क और वाटर पार्क |

आमबी घाटी :

आमबी घाटी महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक सुंदर बस्ती है, इसे सहारा इंडिया परिवार ने विकसित किया है | लगभग 10,000 एकर के पहाड़ी इलाके में यह बस्ती हैं | लोहागढ़ किला की यात्रा पर आने वाले यात्री आमबी घाटी मे आकर यहा का सुंदर नजारा देखते है |

टाइगर पॉइंट :

लोहागढ़ किले का लोकप्रिय आकर्षण टाइगर पॉइंट है | यह टायगर पॉइंट आमबी घाटी जाने वाले मार्ग मे कुरावंडे नामक स्थान पर स्थित प्राकृतिक सुंदरता का खूबसूरत और बेहतरीन नजारा हर यात्री को लुभाता हैं | टाइगर पॉइंट वागढारी के नाम से प्रसिद्ध बडी पहाड़ी की चोटी है | यहा का पुरा क्षेत्र चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ हैं | यह स्थान खूबसूरत झरने, पर्वत, हरियाली और झीलों का भांडार हैं | टाइगर पॉइंट लोहागढ़ किला के नजदीक मे ही स्थित हैं |

कार्ला गुफाएं :

लोहागढ़ किला की प्रमुख पर्यटन स्थलों में कार्ला गुफाएं महाराष्ट्र के खंडाला के पास कारली नाम से जाने वाले जगह पर स्थित है | यह एक प्राचीन भारतीय बौद्ध रॉक-कट से बना हुआ गुफा हैं | कार्ला गुफाओं के पास मे आकर्षित नक्काशीदार चैत्य का भिक्षुओंका विहार हैं |

भैरवनाथ मंदिर : Lohagad fort trek in hindi

लोहागढ़ किले की यात्रा मे आपको भैरवनाथ मंदिर को भी जाना चाहिये | यह भैरवनाथ मंदिर राजमाची में स्थित हैं, इसकी वास्तुकला और डिजाइन वहा के अन्य शिव मंदिरों के समान है | भगवान शिवजी को समर्पित इस मंदिर में महाशिवरात्रि का त्यौहार बडी भव्यता, अखंडता और उत्साह के साथ मनाया जाता हैं |

एकवीरा मंदिर :

लोहागढ़ किले के पास मे एकवीरा देवी माता का मंदिर है, जो बहुत ही प्रसिद्ध और यह कार्ला गुफा के पास मे स्थित हैं | एकवीरा मंदिर विशेष रूप से कोली लोगों के लीये महत्वपूर्ण है | एकवीरा मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी के ऊपर स्थित है और मंदिर में देवी माँ के दर्शन करने के लिए लगभग 200 सीढियां चढ़कर उपर जाना होता हैं |

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लोहागढ़ किला घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

Lohagad fort trek in hindi लोहगढ़ किला ट्रेक का मजा मानसून के मौसम में सबसे ज्यादा आता है। बारिश के दौरान यहां की हरियाली और ताज़गी अद्भुत होती है। पूरा पहाड़ी इलाका हरे रंग के कंबल में लिपटा हुआ नजर आता है। मानसून के अलावा, अक्टूबर से मार्च के बीच का समय भी ट्रेकिंग के लिए बढ़िया माना जाता है। इस समय मौसम ठंडा और सुखद होता है, जिससे ट्रेक करना आसान हो जाता है।

महाराष्ट्र के लोहागढ़ किले का ट्रेक समय

Lohagadh fort trek in hindi लोहगढ़ किला सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। इस समय सीमा के बाहर किले में जाना संभव नहीं है। इसलिए अपनी यात्रा की योजना इसी के अनुसार बनाएं।

लोहागढ़ किला कैसे जाये

एयरपोर्ट से
पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लोहगढ़ किला के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। यहां से आप कैब या प्राइवेट वाहन हायर करके किले तक पहुंच सकते हैं।

ट्रेन से यात्रा
किले के पास खंडाला रेलवे स्टेशन है, जो देश के अन्य प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा हुआ है। यहां से ट्रेन लेकर मावलवली स्टेशन तक पहुंच सकते हैं, जो किले से मात्र 5 किलोमीटर दूर है।

बस से यात्रा
अगर आप रोड ट्रिप करना चाहते हैं, तो मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के जरिए खंडाला तक पहुंच सकते हैं। यह मार्ग खोपोली, करजत और तलेगांव दाभाडा जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा है। यहां से लोकल बस या कैब लेकर किले तक जा सकते हैं।

कहाँ रुके

Lohagad fort trek in hindi खंडाला में ठहरने के लिए हर बजट के होटल और रूम उपलब्ध हैं। आप अपने बजट और सुविधाओं के अनुसार किसी होटल का चयन कर सकते हैं।

स्थानीय भोजन

Lohagad fort trek in hindi लोहगढ़ ट्रेक के दौरान आप यहां के लोकल खाने का मजा जरूर लें। खंडाला में आपको वड़ा पाव, भजिया और पारंपरिक महाराष्ट्रीयन थाली जैसे व्यंजन मिलेंगे। इसके अलावा, पेड़ा जैसे मीठे व्यंजन भी यहां की खासियत हैं।

युक्तियाँ और सावधानियां

  1. फिजिकल फिटनेस पर ध्यान दें
    लोहगढ़ किला ट्रेक में आपको ऊर्जा की जरूरत होगी। ट्रेक पर जाने से पहले खुद को फिट रखें।
  2. मौसम के अनुसार तैयारी करें
    अगर आप मानसून में ट्रेक कर रहे हैं, तो रेनकोट साथ ले जाना न भूलें।
  3. पुरानी गुफाओं में सावधानी बरतें
    किले में मौजूद पुरानी गुफाओं में बिना जानकारी के प्रवेश न करें।
  4. जरूरी सामान साथ रखें
    पानी की बोतल, हल्के स्नैक्स, फर्स्ट एड किट और आरामदायक जूते साथ लेकर जाएं।

निष्कर्ष

Lohagad fort trek in hindi लोहागढ़ किला ट्रेक एक ऐसा अनुभव है जो आपको यादगार अनुभव देगा | अपने प्राचीन खंडहरों, मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध इतिहास के साथ, यह ट्रेक हर साहसिक उत्साही के लिए ट्रेक करना ज़रूरी है | इसके लीये चाहे आप एक अनुभवी ट्रैकर हों या शुरुआती के, लोहागढ़ किला ट्रेक आपको चुनौती देगा और आपको अविस्मरणीय अनुभवों से उसे पुरा करना होता है |

FAQ

1 ) लोहगढ किले मे कितनी सीढीया है ?
लोहगढ किले मे 250 से 300 सीढीया है |

2 ) लोहगढ ट्रेक करने के लीये कितना समय लगता है ?
लोहगढ ट्रेक करने के लीये लगभग 2 घंटे का समय लगता है |

3 ) क्या लोहगढ ट्रेक यात्रा कठीण है ?
लोहगढ ट्रेक यात्रा का कठिणाई स्तर आसान है |

4 ) लोहगढ किला कितना पुराना है ?
लोहगढ किले का निर्माण सन 1732 मे महाराजा सूरजमल ने शूरु किया था और इसे पुर होने मे 60 साल लगे थे |

5 ) पुणे से लोहगढ कैसे जाये ?
पुणे से लोणावला तक जाकर आप लोणावला से ट्रेन से मालवली स्टेशन पर या जाएंगे और वहा से लोहगढ किला 5 किलोमीटर की दुरी पर है |