Kailasanathar Temple Thiruporur
Kailasanathar Temple Thiruporur : कैलासनाथर अम्मन : बालम्बिगई कैलासनाथर मंदिर काफी महत्वपूर्ण और भगवान शिव को समर्पित मंदिर है | यह मंदिर तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले के थिरुपोरुर शहर में स्थित है | इस मंदिर के पीठासीन देवता को कैलासनाथर और माता को बालम्बिगई कहा जाता है | यह मंदिर थिरुपोरुर मुरुगन मंदिर के उत्तर पश्चिम में प्रणव पर्वत की चोटी पर स्थित है | यहा शिवरात्री पर यात्रा उत्सव और श्रद्धालु की भीड होती है |
मंदिर का पौराणिक महत्व
Kailasanathar Temple Thiruporur इस मंदिर का विशेष पौराणिक महत्व है | इस मंदिर मे भगवान महाविष्णु और देवी महालक्ष्मी ने भगवान शिव की पुजा की थी | जिसे प्रणवमलाई कहा जाता है | इसके साथ ही ऋषि अगस्त्य और चिदंबरम स्वामीगल ने यहाँ आकर भगवान शिव की पूजा की थी | यहा भगवान विनायक का मंदिर है | जिसे वेम्बाडी विनायक कहा जाता है |
प्रणवमलाई
यहा ऐसा कहा जाता है कि प्रणव (ओंकारा) ने भगवान मुरुगा की पूजा की थी और थिरुपोरुर में एक पहाड़ी का रूप लिया था यही पर उनका निवास था | इसलिए इस पहाड़ी को प्रणवमलाई कहा जाता है | भगवान विष्णु और लक्ष्मी ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी | किंवदंती के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि भगवान महाविष्णु और देवी महालक्ष्मी ने प्रणव मलाई पहाड़ी के शीर्ष पर भगवान कैलासनाथर और बालम्बिका की पूजा की थी |
वेम्बाडीविनायक
देवी महालक्ष्मी ने थिरुपुरुर में एक नीम के पेड़ का रूप लिया था और यही पर तपस्या की थी | प्रणवमलाई के पास नीम के पेड़ के नीचे भगवान विनायक का भी मंदिर है | उन्हें वेम्बाडी विनायक के नाम से जाना जाता है | लोग यहाँ भगवान शिव की पूजा करते थे | ऐसा माना जाता है कि ऋषि अगस्त्य और चिदंबरम स्वामीगल ने यहाँ आकर भगवान शिव की पूजा की थी |
मंदिर की मान्यताएँ
तमिल पंगुनी महीने के पहले दिन तीन बार ( सुबह, दोपहर और शाम ) प्रणवमलाई के चारों ओर गिरिवलम करने वाले भक्तों को अच्छी नौकरी और एक नौकरी से दूसरी नौकरी में आसानी से बदलाव का आशीर्वाद मिलता है | यहा आने वाले भाविक भक्त अपनी इच्छा भगवान के पास बोलकर उसे पुरा करने की प्रार्थना भगवान शिव जी की करते है |
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मंदिर की विशेषताएँ
कैलासनाथर मंदिर प्रणव पर्वत की चोटी पर स्थित है | पहाड़ी का प्रवेश द्वार थिरुपुरुर मुरुगन मंदिर के उत्तर पश्चिम दिशा में है | इस मंदिर तक आने के लीये 100 सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद मंदिर तक पहुँचा जा सकता है | पहाड़ी की चोटी पर शिव मंदिर और तल पर मुरुगन मंदिर का होना असामान्य माना जाता है | माना जाता है कि यह मंदिर 1000 साल पुराना है और यह मंदिर पूर्व की ओर है और इसका प्रवेश द्वार दक्षिण की ओर है |
मंदिर का ध्वज स्तंभम, बालीपीदम और नंदी मंदिर के बाहर एक खिड़की के माध्यम से गर्भगृह की ओर देखते हुए देखे जा सकते है | इस मंदिर की कैलासनाथर कहा जाता है और वह पूर्व की ओर मुख किए हुए स्थित है | कैलासनाथर वह लिंगम के रूप में गर्भगृह में स्थित है | विनयगर, दक्षिणामूर्ति, लिंगोथभावर, ब्रह्मा और दुर्गा गर्भगृह की दीवारों के चारों ओर स्थित कोष्ट मूर्तियां भी देखने मिलती है | इस मंदिर की उत्सव मूर्तियों को सुरक्षित रखने के लिए तिरुपुरुर मुरुगन मंदिर में रखा गया है |
माता को बालम्बिगई कहा जाता है। वह एक अलग पूर्वमुखी मंदिर में स्थित है | उनका मंदिर गर्भगृह के बाईं ओर दिशा मे स्थित है | काशी विश्वनाथर, भैरवर, सूर्यन और वीरभद्र के मंदिर आंतरिक प्रकार में पाए जा सकते है | गर्भगृह के चारों ओर प्रकारम में चिदंबरम स्वामीगल की एक तस्वीर दिखाई देती है | इस मंदिर को पहाड़ी के तल पर चिदंबरम स्वामीगल के आश्रम से जोड़ने वाली एक गुप्त भूमिगत सुरंग है | यह गुप्त भूमिगत सुरंग वर्तमान समय में बंद की हुई है |
मंदिर मे मनाये जाने वाले त्यौहार
शिव से संबंधित सभी त्यौहार, जैसे शिवरात्री, श्रावण सोमवार, खास तौर पर मासी मगम यहाँ बहुत धूमधाम से मनाया जाता है | इन त्यौहार के समय मंदिर मे भक्तओ की भीड होती है |
मंदिर की शताब्दी
ऐसा कहा जाता है की यह मंदिर 1000 वर्ष पुराना है | मंदिर निर्माण का स्वरूप भी काफी पुराना है | लेकिन मंदिर आज भी अछी स्थिति मे है |
मंदिर का समय
मंदिर दर्शन के लीये सुबह 7:00 से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम को 4:30 से 7:00 बजे तक खुला रहता है |
द्वारा प्रबंधित
यह मंदिर हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (HRCE) द्वारा प्रबंधित किया गया है |
कैलासनाथर मंदिर कैसे पहुंचे
इस मंदिर तक पहुंचने के लीये काफी पर्याय उपलब्ध है | मंदिर आने के लीये आप सडक मार्ग बस, ट्रेन, हावाई मार्ग से पहुंच सकते है |
सडक मार्ग से
मंदिर के सबसे नजदिक का बस स्टेशन थिरुपुरुर बस स्टेशन है | यह नजदिक के सारे महत्वपूर्ण रस्तो से जुडा हुआ है | आप थिरुपुरुर बस स्टेशन से मंदिर तक पहुंच सकते है |
ट्रेन से
मंदिर के सबसे नजदिक का रेलवे स्टेशन चेंगलपट्टू है | आप चेंगलपट्टू पहुंच कर मंदिर मे आ सकते है |
हवाई मार्ग से
मंदिर के सबसे नजदिक का हवाई अड्डा चेन्नई है | वहा से आप मंदिर तक किराये पर वाहन लेकर आ सकते है |
व्यक्तिगत वाहन से
अगर आप खुद के वाहन से कैलासनाथर मंदिर आ रहे है, तो यह सबसे अच्छा सफर आपके लीये रहेगा |
निष्कर्ष
आज के इस लेख मे हमने आपको Kailasanathar Temple Thiruporur के बारे मे जाणकारी सविस्तर रूप से बताई है | यह मंदिर तामिलनाडू के चेंगलपट्टू जिले के थिरुपोरुर मे स्थित है | इस मंदिर मे भगवान शिव का लिंग स्वरूप मे है | यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है |
FAQ
1) कैलासनाथर मंदिर कहा पर स्थित है ?
कैलासनाथर मंदिर तामिलनाडू के चेंगलपट्टू जिले के थिरुपोरुर मे स्थित है |
2) यह मंदिर कितना पुराणा है ?
यह मंदिर 1000 साल पुराणा है ऐसा माना जाता है |