Achalgadh Fort | अचलगढ़ किला एक अद्भुत ऐतिहासिक धरोहर

Achalgadh Fort अचलगढ़ किला भारत के राजस्थान राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक किला है। यह किला न केवल वास्तुकला और इतिहास का शानदार उदाहरण है, बल्कि इसके साथ जुड़ी कहानियां और पौराणिक गाथाएं इसे और भी खास बनाती हैं। आइए, इस लेख में अचलगढ़ किले के इतिहास, महत्त्वपूर्ण स्थलों और इससे जुड़ी विशेषता सविस्तर रूप से जानते है |

Achalgadh Fort

अचलगढ़ किले का इतिहास

Achalgadh Fort का निर्माण महाराणा कुम्भ ने 1452 में करवाया था। हालांकि, इस स्थान पर पहले भी एक किला मौजूद था, जिसे एक प्राचीन शासक द्वारा बनवाया गया था। इस पुराने किले के खंडहरों पर महाराणा कुम्भ ने अचलगढ़ किले की नींव रखी।

गुजरात के शासक मोहम्मद भिदा ने इस किले पर आक्रमण किया था। इस हमले के दौरान, किले में मौजूद कुछ देवी-देवताओं की मूर्तियों को नुकसान पहुंचा। ऐसा कहा जाता है कि इस घटना के बाद किले में मौजूद मधुमक्खियों ने आक्रमणकारियों पर हमला कर दिया। इस घटना के कारण किले का एक विशेष स्थान इतिहास में “भंवरा थल” के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

Achalgadh Fort

अचलगढ़ किले के प्रमुख स्थल

अचलगढ़ किले में कई अद्भुत स्थान हैं, जो इसके गौरवशाली अतीत की गवाही देते हैं।

अचलेश्वर महादेव मंदिर

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां शिवलिंग की जगह एक गड्ढा है, जिसे “ब्रह्मखंड” के नाम से जाना जाता है। यह मान्यता है कि यहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा की जाती है।

गोमुख मंदिर

इस मंदिर में सभी धातुओं से बनी 14 मूर्तियां स्थापित हैं। यह मंदिर धार्मिक और वास्तुकला के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मंदाकिनी कुंड

यह कुंड किले के अंदर स्थित है। कुंड के किनारे सिरोही के महारो मानसिंग की छतरी बनी हुई है। कुंड के पूर्वी किनारे पर परमार वंश के संस्थापक आदिपरमार की पत्थर की मूर्ति भी स्थापित है।

भगवान पार्श्वनाथ मंदिर

यह मंदिर 23वें जैन तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। इसे मंडू के एक जैन ने बनवाया था, और कुमारपाल सोलंकी ने इसका समर्थन किया था।

काफुर सागर और सावन-भादो झील

यह जलाशय किले के जल प्रबंधन का हिस्सा थे और आज भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।

पोखरने का महल

किले में स्थित यह महल उस समय के शासकों की विलासिता और वास्तुकला का प्रतीक है।

किले से जुड़ी पौराणिक कहानियां

Achalgadh Fort पवार शासकों के साथ जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह कहा जाता है कि पवार शासक धरती पर हमेशा से रहे हैं और उनका शासन धरती के लिए वरदान है। पवार शासकों के दो मुख्य केंद्र थे, अबूगढ़ और उज्जैन। इस किले के निर्माण और उससे जुड़ी कथाएं इस बात को और पुष्ट करती हैं।

अचलगढ़ का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व

Achalgadh Fort

अचलगढ़ किला राजस्थान की संस्कृति और इतिहास का अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल शिल्पकला और वास्तुकला का अद्भुत नमूना है, बल्कि यह उस समय की धार्मिक और सामाजिक धरोहर को भी दर्शाता है।

शिल्पकला : किले के हर हिस्से में बारीकी से की गई कारीगरी दिखाई देती है।
धार्मिक महत्व : किले में मौजूद मंदिर और मूर्तियां धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं।
सामरिक महत्त्व : किले की बनावट इसे युद्ध के समय एक सुरक्षित स्थान बनाती थी।

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अचलगढ़ किले का आधुनिक महत्व

आज Achalgadh Fort अचलगढ़ किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। देश-विदेश से लोग यहां आते हैं और इसकी खूबसूरती, इतिहास और धार्मिक स्थलों का आनंद लेते हैं।

पर्यटन : यहां का शांत वातावरण और ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
फोटोग्राफी : किले से दिखने वाले सुंदर दृश्य और वास्तुकला फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए सही हैं।
शोध और अध्ययन : इतिहास और वास्तुकला के छात्रों के लिए यह स्थान एक जीवंत पुस्तक की तरह है।

निष्कर्ष

Achalgadh Fort भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक अनमोल रत्न है। यह न केवल राजस्थान के गौरव को बढ़ाता है, बल्कि भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों में भी अपना एक विशेष स्थान रखता है। यदि आप इतिहास, वास्तुकला या धार्मिक स्थलों में रुचि रखते हैं, तो अचलगढ़ किला आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है।