Agra Ka Tajmahal ताजमहल, जो दुनिया के सात अजूबों में से एक है, उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है। यह शाहजहां और मुमताज के बीच के अमर प्रेम का प्रतीक है, जिसे “लव का सिंबल” भी कहा जाता है। ताजमहल हर साल लाखों लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह इंडियन-इस्लामिक और यूरोपियन आर्किटेक्चर के मिश्रण का अनोखा उदाहरण है। इसे देखना एक स्वर्गीय अनुभव जैसा लगता है। आइए, इस खूबसूरत स्मारक की यात्रा पर चलते हैं।

ताजमहल तक कैसे पहुंचे?
Agra Ka Tajmahal ताजमहल, आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से सिर्फ 6 किलोमीटर की दूरी पर है। ताजमहल में प्रवेश के लिए तीन गेट्स हैं। हमने वेस्टर्न एंट्री गेट से ₹50 का टिकट लिया और अब हम ताजमहल के अंदर चार गेट वाले क्षेत्र में पहुंच गए हैं। ध्यान दें कि ताजमहल के अंदर बैग्स ले जाने की अनुमति नहीं है। यहां लॉकर उपलब्ध हैं, जहां आप ₹0 देकर अपना बैग रख सकते हैं।

ताजमहल के चार एंट्री गेट्स
शाहजहां के समय से यहां चार गेट्स हैं।
फतेहपुरी गेट: यह वह गेट है, जिससे शाहजहां ताजमहल देखने आते थे।
साउथ इंटीग्रेटेड गेट: यह गेट कारीगरों और मजदूरों के आने-जाने के लिए था।
ईस्ट वीआईपी इंटीग्रेटेड गेट: शाहजहां के खास मेहमान इसी गेट से ताजमहल देखने आते थे।
रॉयल एंट्री गेट: यह 105 फीट ऊंचा गेट है, जिसमें लाल कोरल स्टोन और ग्रीन मलकाई स्टोन जैसी कीमती रत्न जड़े हुए हैं। इस गेट के ऊपर 22 सफेद गुम्बद हैं, जो बताते हैं कि ताजमहल को बनने में 22 साल लगे।
एंट्री गेट से ताजमहल तक का सफर
Agra Ka Tajmahal जब आप एंट्री गेट से ताजमहल की ओर बढ़ते हैं, तो आपको ऐसा लगेगा जैसे ताजमहल दूर जा रहा है। इसे “ऑप्टिकल इल्यूजन” कहा जाता है। इस गेट से प्रवेश करते ही सामने एक सेल्फी प्वाइंट है, जहां आप ताजमहल के साथ फोटो खींच सकते हैं।
ताजमहल का बैकग्राउंड
Agra Ka Tajmahal शाहजहां के समय में यहां 2 लाख मजदूर काम करते थे, जिनमें 6,000 कारीगर विदेशी थे और 16,000 भारतीय। ताजमहल का निर्माण उस समय ₹20 करोड़ रुपये में हुआ था, जो आज के समय में एक बहुत बड़ी रकम है। ताजमहल के मुख्य गुम्बद के ऊपर एक बड़ा कलश है, जो पांच मंजिला इमारत के बराबर ऊंचा है। यह कलश सोने का बना था, लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान इसे लूट लिया गया।
मुमताज की कहानी
Agra Ka Tajmahal मुमताज की मृत्यु उनके 14वें बच्चे को जन्म देते समय बुरहानपुर में हुई थी। उनका शरीर सुरक्षित रखने के लिए ममी में बदल दिया गया और तापी नदी के किनारे दफनाया गया। शाहजहां ने अपनी बेगम के लिए ताजमहल बनाने का आदेश दिया। 6 महीने बाद, 8 जनवरी 1632 को मुमताज के शरीर को आगरा लाया गया और ताजमहल के बेसमेंट में पुनः दफनाया गया।
ताजमहल की निर्माण सामग्री
ताजमहल के निर्माण के लिए राजस्थान के मकराना से संगमरमर हाथियों के जरिए आगरा लाया गया। लाल बलुआ पत्थर फतेहपुर सीकरी से लाया गया। शाहजहां रोज़ाना इस निर्माण को देखने के लिए बादशाही टैंक पर बैठते थे।
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ताजमहल का आकर्षण
ताजमहल के सामने का बगीचा, जिसे चारबाग कहा जाता है, वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। इसमें 210 छोटे कमरे हैं, जहां कारीगर और मजदूर खाना खाने के बाद आराम करते थे।
ताजमहल को देखने का अनुभव अद्वितीय है। इसे देखना मानो इतिहास के एक खूबसूरत अध्याय में प्रवेश करने जैसा है। यह प्रेम और समर्पण का ऐसा प्रतीक है, जिसे शब्दों में बांधना मुश्किल है।
निष्कर्ष
Agra Ka Tajmahal ताजमहल न केवल भारत का गर्व है, बल्कि यह दुनिया के सबसे खूबसूरत स्मारकों में से एक है। यह हमें याद दिलाता है कि सच्चा प्रेम कालातीत होता है। अगर आपने अभी तक इस अद्भुत स्मारक को नहीं देखा है, तो इसे अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करें।