Akshardham Mandir
Akshardham Mandir : भारत के नई दिल्ली नोएडा मोड़ क्षेत्र के पास मे स्थित अक्षरधाम मंदिर आपको भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है | इस मंदिर को स्वामीनारायण के नाम से भी जाना जाता है | यह मंदिर दिल्ली का सबसे अच्छा पर्यटन क्षेत्र मे से एक है | इस खूबसूरत और प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था द्वारा किया गया था | इसकी खुबसुरती और मंदिर का निर्माण की वजह से यह भारत का प्रेक्षणीय स्थल बन चुका है | आज के इस पोस्ट मे हम आपको मंदिर के बारे मे जाणकारी देने वाले है |
मंदिर की वास्तुकला का एक खूबसूरत अनोखा चमत्कार है | जो हजारों वर्षों की सांस्कृतिक विरासत को उजागर कर देता है | यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण ( 1781- 1830 ) को श्रद्धांजलि है जो हिंदू धर्म के अवतार, देवता और महान संत है | इस भव्य मंदिर संरचना के निर्माण के लीये लगभग 5 साल लग गए थे, और 6 नवंबर, 2005 को इस मंदिर का उद्घाटन किया गया था |
आज यमुना नदी के किनारे पर स्थित यह मंदिर खड़ा है और दुनिया भर में लाखों पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है | अक्षरधाम शब्द को दो शब्दों ‘अक्षर’ से लिया गया है जिसका पुरा अर्थ है अनन्त और ‘ धाम ’ जिसका अर्थ है निवास, जिसका अर्थ है एक साथ परमात्मा या शाश्वत का निवास। मंदिर में प्रवेश करते ही हमे भगवान स्वामीनारायण की 11 फीट ऊँची सोने की प्रतिमा देखने को मिलती है, जो सामने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती है |
अक्षरधाम मंदिर का इतिहास | Akshardham temple history
‘अक्षरधाम’ का पुरा अर्थ
‘अक्षरधाम’ का अर्थ होता है ईश्वर का पवित्र दिव्य निवास | ये मंदिर भक्ति, पवित्रता और शांति स्थान रूप में जाना जाता है | दिल्ली में स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, भक्ति सीखने और सद्भाव के लिए समर्पित है | इसका काफी ट्रेडिशनल तरीके से निर्माण किया गया है | यहां आप भारत की पौराणिक सभ्यता को देख सकते है | मंदिर भगवान स्वामीनारायण ( 1781- 1830 ) जो हिंदू धर्म के एक अवतार है, देवता और महान संतों के लिए यह एक विनम्र आदरांजली है |
इस मंदिर का निर्माण ( बी.ए.पी.एस. ) बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था की ओर से किया गया है | इस मंदिर के निर्माण भगवान स्वामीनारायण की अध्यात्म परंपरा के पांचवें उत्तराधिकारी “प्रमुखस्वामी महाराज” की महत्वपूर्ण भूमिका है | दिल्ली के इस अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 6 नवंबर साल 2005 में हुआ था | जिसे 8 नवंबर 2005 में जनता के लिए खोल दिया गया था |
दिल्ली में स्थित एक प्रसिद्ध खूबसूरत मंदिर स्वामी नारायण जी को समर्पित है | यह विशाल मन्दिर वास्तुशास्त्र और पंचरात्रशास्त्र का अद्भुत सुरम्य उदाहरण है | जो कि पवित्र यमुना नदी के किनारे पर स्थित है | यह मंदिर 100 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसके निर्माण में लगभग पुरे 5 साल का समय लगा था | इस मंदिर की शिल्पकला और स्वामी नारायण की 11 फीट उंच की प्रतिमा सबका मन मोह लेती है |
विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू धर्म का मंदिर होने के कारण, सन 2007 में इस मंदिर को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था | इस मंदिर में आपको 234 से अधिक नक्काशीदार स्तम्भ देखने मिलते है | 9 बड़े गुंबद अनेक मूर्तियां आकर्षण का केंद्र है |
अक्षरधाम मंदिर का निर्माण
यह मंदिर क्षेत्र के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है | ये अन्य मंदिरों की तरह यह कोई साधारण मंदिर नहीं है | अक्षरधाम मंदिर का पूरा परिसर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है | यह मंदिर सौ एकड़ की विशाल क्षेत्र में आच्छादित विशाल मंदिर का निर्माण कोई आसान काम नहीं है | इस मंदिर को बनाने में 11 हजार से भी अधिक कारीगरों को काम पर लगाया गया था | इतने शानदार मंदिर का पूरा काम केवल पांच साल में पूरा किया गया था | इस सुंदर मंदिर का निर्माण सफेद इटालियन संगमरमर और राजस्थानी गुलाबी पत्थर से किया गया है |
अक्षरधाम की मूर्तियां
मंदिर में हर एक चीज़ आध्यात्म से जुड़ी हुई है | चाहे फिर वो मंदिर हो, एग्जीबिशन हो और या गार्डन हो | अक्षरधाम मंदिर में लगभग 200 मूर्तियां है| जो सहस्राब्दियों से आध्यात्मिकता का परिचय दे रही है | मंदिर का आध्यात्मिक आधार यह है कि यह प्रत्येक आत्मा एक दिव्य ज्योती है, चाहें परिवार वाले हों, पड़ोसी देश हो या फिर दुनियाभर का कोई अन्य जीव हो, यहा हर एक को सेवा देवत्व की ओर बढ़ने में मदद होती है |
यहा की गई हर एक प्रार्थना खुद को बेहतर बनने और ईश्वर के करीब जाने के लीये प्रेरणा देता है | मंदिर की यात्रा एक आध्यात्मिक रूप से समृद्ध है | प्रार्थना की शक्ति को महसूस करने में हो, अहिंसा की ताकत को महसूस करने में हो, हिंदू धर्म के प्राचीन सिद्धांतों के बारे में हो, या धरती पर भगवान के निवास की सुंदरता को निहारने में हर एक चीज़ का आध्यात्मिक महत्व है |
मंदिर के मुख्य आकर्षण
स्वामीनारायण का मुख्य मंदिर
नाव सवारी
नारायण सरोवर
अक्षरधाम पुस्तक
स्वागत द्वार
अभिषेक मंडप
लोटस गार्डन
वाटर शो
famous ghats in haridwar : हरिद्वार के घाट
मंदिर का समय
मंदिर मंगलवार से रविवार तक मंदिर सुबह 9:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक दर्शन के लीये खुला रहता है | सोमवार के दिन अक्षरधाम मंदिर दर्शन के लीये बंद रहता है |
दर्शन प्रवेश का टिकट सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्ध होते है | यहा का खूबसूरत वाटर शो और लाइट शो शाम को 06:30 बजे शुरू होता है |
मंदिर में आरती सुबह 10:00 बजे होती है और शाम को 6 बजे होती है | मंदिर की आरती बडी भव्यता से सम्पन्न होती है, जो 30 से 40 मिनट तक चलती है | वातावरण प्रसन्न रहता है | इसका दृश्य मन को प्रसन्नता देता है |
अक्षरधाम मंदिर कैसे पहुंचे ( how to reach Akshardham Mandir )
हवाई मार्ग से
एयरपोर्ट मेट्रो से नारंगी लाइन पर है, वहा से मेट्रो लें और नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन तक पहुँचे | फिर ऑरेंज लाइन से येलो लाइन में बदले | फिर से नई दिल्ली से राजीव चौक तक मेट्रो लें और राजीव चौक से नीली लाइन में बदल दे जिस पर अक्षरधाम मंदिर स्थित है |
ट्रेन द्वारा
मेट्रो से अक्षरधाम मंदिर पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका ट्रेन है | ब्लू लाइन पर अक्षरधाम नाम का एक स्टेशन है, वहां से मंदिर 5 मिनट अंतर की पैदल की दूरी पर है | आप वहां से एक ई-रिक्शा भी ले सकते है, जो प्रति व्यक्ति चार्ज करता है |
सड़क मार्ग से
मंदिर से सडक मार्ग 5 मिनट की पैदल दूरी पर है | आप वहां से एक ई-रिक्शा भी ले सकते है, जो प्रति व्यक्ति e 10 चार्ज करेगा |
मंदिर के प्रवेश करने के नियम
मंदिर में प्रवेश करने के लिए मंदिर के कुछ नियम है | हमे इन नियमों का पालन करके मंदिर मे प्रवेश करना होता है | यहा आने वाले हर यात्री को मंदिर के अंदर कोई भी फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी या मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नही होती है | यहा आने वाले सभी श्रद्धालुओ को ध्यान और श्रद्धा से मंदिर में प्रवेश करना चाहिए और पूजा के समय शांति बनाए रखनी चाहिए |
इस मंदिर में चमड़े से बनी हुई वस्तुओं, जैसे की बेल्ट ,पर्स , जैसी वस्तु को मंदिर मे लेकर जाने की अनुमति नही होती है |
मंदिर के बाहर फोन और निजी वस्तुओं को रखने के लिए लॉकर की सुविधा उपलब्ध होती है |
आप अपने सामान को लॉकर में जमा कर सकते है, और एक टोकन प्राप्त कर सकते है |
यहा पर लॉकर की सुविधा नि:शुल्क होती है | यदि आप से दिया गया टोकन खो जाता है, तो आपको 50 रुपये जुर्माना भरना पडता है |
मंदिर से जुडे तथ्य
यह मंदिर दर्शन के लीये 6 नवंबर 2005 को खोला गया था |
बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था की ओर से बनवाया गया है |
इसके निर्माण में 300,000,000 वालंटियर लगे थे |
वहीं दुनियाभर से मंदिर निर्माण के लीये लगभग 8000 से अधिक वालंटियर लगे थे |
इस मंदिर के निर्माण मे नक्काशीदार बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया गया है |
यहां एग्जिबीशन होते है, जो की भगवान स्वामीनारायण के जीवन और प्रार्थना, करुणा और अहिंसा से जुड़ी चीज़ें सीखाई जाती है |
यहां खुले बगीचे, वॉटर बॉडीज और स्टाइल्ड कोर्टयार्ड जैसे सुंदर खूबसूरत स्थान है |
अक्षरधाम मंदिर के अन्य आकर्षण
नाव सवारी
इस मंदिर मे आप नाव सवारी भी कर सकते है | नाव सवारी का समय सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक कर सकते है | जो 12 से 15 मिनट के लिए सवारी कराई जाती है | इसमें खूबसूरत झकियाँ दिखाई जाती है, जो हजारों साल पुराने भारतीय इतिहास को प्रस्तुत करती है, इसका किराया प्रति व्यक्ति 50 रुपये रहता है |
अक्षरधाम वॉटर शो
इस मंदिर में आयोजित यह वॉटर शो एक दिलचस्प, खूबसूरत और प्रेरणादायक अनुभव देता है |
इस अद्भुत वॉटर शो ब्रम्हान्ड की सृष्टि, मानव जीवन के महत्वपूर्ण क्षण, और धार्मिक आदर्शों को दिखाया जाता है |
यह अद्भुत वॉटर शो दर्शकों को धार्मिक सन्देशों को समझाने का अवसर प्रदान करता है |
यह खूबसूरत वॉटर शो शाम 6:30 से 7:00 बजे तक चलता है |
इस वॉटर शो का टिकट बड़ों के लिए 95 रुपये और बच्चों के लिए 65 रुपये है |
4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह अक्षरधाम वॉटर शो निःशुल्क रहता है |
म्यूजिकल फाउंटेन
यहां का म्यूजिकल फाउटेंन काफी प्रसिद्ध और सुंदर होता है | जिसमे सुंदर कथा का वर्णन किया जाता है | जिसमें कुछ लोग भी शामिल रहते है | तरह- तरह प्रकाश और पानी के भाव लोगों का मन जीत लेते है | ये शो शाम के समय लगभग 25 मिनट के लिए होता है, जिसका शुल्क टिकट 80 रुपये अडल्ट के लिए और 4 से 11 साल के बच्चों के लिए 50 रुपये होता है | वहीं 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह म्यूजिकल फाउंटेन फ्री रहता है |
1000 वर्षों से ज्यादा सालों तक टिक सकता है मंदिर
इस वास्तुशिल्प एक चमत्कार जैसा है | इसको इस तरह से डिजाइन किया गया है, कि यह मंदिर अगले 1000 वर्षों या उससे भी अधिक समय तक सुरक्षित रह सकता है | स्मारक के आयामों की बात करें तो यह 350 फीट लंबा, 315 फीट चौड़ा और 141 फीट ऊंचा और बडा है | इस मंदिर के 234 खूबसूरती से सजाए गए और नक्काशीदार खंभे और 9 खूबसूरती से नक्काशीदार गुंबद है | अक्षरधाम मंदिर में दो मंजिला इमारत और खूबसूरत 1152 स्तंभ भी है |
भवन में किसी स्टील या कंक्रीट का उपयोग नही किया गया है
इस मंदिर को बनाने में किसी भी प्रकार का स्टील और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है | यही इस मंदिर की सबसे बडी खासियत है | यह पूरा मंदिर शुद्ध पत्थर और इतालवी संगमरवर से बनाया गया है | हैरत की बात तो ये है कि बिना स्टील और कंक्रीट के ये इमारत और मंदिर हजारों सालों तक टिके रहने की क्षमता रखती है | ऐसा निर्माण करना कोई आसान काम नही है |
10 गेट से घिरा है अक्षरधाम मंदिर
इस मंदिर के बारे में एक और आकर्षक रोचक तथ्य यह है, कि यह 10 द्वारों यानी गेट से घिरा हुआ है | जो वैदिक साहित्य के अनुसार 10 दिशाओं का प्रतिनिधित्व यह मंदिर करता है | इसकी यह विशेषता सबसे अलग है | इसके अलावा, ये 10 द्वार बताते है कि सभी दिशाओं से अच्छे आती रहेगी |
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में मंदिर की जगह
दिल्ली में बहुत सारी ऐतिहासिक धरोहर है, इनमें से सबसे खास सुंदर है दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर | जहां आप दिल्ली मेट्रो के जरिए आराम से जा सकते है | इसके अलावा अगर दिल्ली की ब्लू लाइन मेट्रो से सैर कर रहे है, तो भी आप इस मंदिर को देख सकते है | यह दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मन्दिर परिसर होने के नाते इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया है | लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं इस मंदिर से जुड़े कुछ खास तथ्यों के बारे में..
इस मंदिर को 17 दिसंबर 2007 को दुनिया में सबसे बड़ा व्यापक हिंदू मंदिर होने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला था | आपको बता दें, मंदिर में यज्ञपुरुष कुंड है, जो दुनिया के सबसे बड़े कुंड में से एक माना जाता है | इसमें 108 छोटे तीर्थ हैं, और कुंड की ओर 2870 सीढ़ियां बनी हुई है |
अक्षरधाम मंदिर पवित्र झीलों से घिरा हुआ है
मंदिर नारायण सरोवर नामक झील से घिरा हुआ है | इस झील में पुष्कर सरोवर, इंद्रद्युम्न सरोवर, मानसरोवर, गंगा, यमुना, और कई अन्य 151 पवित्र नदियों और झीलों का पवित्र जल है | इसके अलावा, सरोवर के साथ, 108 गौमुखों का एक समूह है जो 108 देवताओं का प्रतिनिधत्व करते है | साथ ही अक्षरधाम मंदिर के अंदर ‘ प्रेमवती आहारगृह ‘ नाम का वेजिटेरियन खाना मिलने वाला एक फूड कोर्ट है | इसे महाराष्ट्र की अजंता और एलोरा गुफाओं की थीम से प्रेरित होकर बनाया गया है |
मंदिर का खूबसूरत ‘ लोटस गार्डन ‘
मंदिर में घूमने लायक खूबसूरत जगहों में से एक लोटस गार्डन है | इस बगीचे का निर्माण बड़े पत्थरों और कमल के आकार में किया गया है | यह खूबसूरत लोटस गार्डन अक्षरधाम मंदिर की देखने लायक जगहों में आता है, जिसे आपको यहां घूमते समय जरूर देखना चाहिए | इसकी खुबसुरती आपको यहा आने पर आकर्षित करेगी |
निष्कर्ष
अक्षरधाम मंदिर विश्व का सबसे बडा हिंदू मंदिर है | इस मंदिर के बारे मे हमने आपको इस लेख के माध्यम से बताया है | यह मंदिर ऐतिहासिक धरोहर के साथ ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे भी अपना स्थान बना चुका है | मंदिर का निर्माण इसे अलग बनाता है | यह मंदिर स्वामी नारायण को समर्पित है, जो हमे भक्ति और सद्भाव सिखाते है |