Bamboo trek in meghalaya | मेघालय का खूबसूरत बांस ट्रेक

Bamboo trek in meghalaya मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित मावरिंगखांग ट्रेक, जिसे ‘बांस ट्रेक’ के नाम से भी जाना जाता है, एडवेंचर प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है। यह ट्रेक वाहखेन गांव से शुरू होता है, जो शिलांग से लगभग 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ट्रेक की विशेषता बांस से बने पुल हैं, जो पहाड़ों, घाटियों, झाड़ू के खेतों और नदियों के ऊपर से गुजरते हैं। इन पुलों का निर्माण स्थानीय ग्रामीणों ने बांस और बेंत की रस्सियों की मदद से किया है, जो उनकी इंजीनियरिंग कौशल का प्रमाण है।

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Bamboo trek in meghalaya

ट्रेक की विशेषताएँ

Bamboo trek in meghalaya बांस के पुल: ट्रेक के दौरान, आपको बांस से बने संकरे पुलों पर चलना होता है, जो दोनों ओर गहरी खाइयों और चट्टानों के किनारों से गुजरते हैं। यह अनुभव रोमांचक होने के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण भी है।
प्राकृतिक सौंदर्य: ट्रेक के मार्ग में प्राकृतिक कुंड, हरी-भरी घाटियाँ, और पहाड़ी परिदृश्य देखने को मिलते हैं, जो आपकी यात्रा को यादगार बनाते हैं।
लोककथा: मावरिंगखांग ट्रेक से जुड़ी एक लोककथा के अनुसार, मावरिंगखांग और मावपटोर नामक दो चट्टानों को एक सुंदर युवती कथियांग से प्रेम हो गया था। दोनों के बीच हुए युद्ध में मावरिंगखांग ने मावपटोर का सिर काट दिया, जो आज भी एक व्यू पॉइंट से देखा जा सकता है।

बांस ट्रेक जाने का सबसे अच्छा समय

Bamboo trek in meghalaya यह बांस ट्रेक मध्यम स्तर का साहसिक ट्रेक है | यह पर ट्रेक करने का सही समय सर्दी के महीने दिसंबर से लेकर फरवरी तक का है |

कैसे पहुंचे

Bamboo trek in meghalaya

शिलांग से वाहखेन गांव तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी या स्कूटर किराए पर ले सकते हैं। शिलांग से निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है, जो लगभग 104 किलोमीटर दूर है। निकटतम हवाई अड्डा उमरोई में है, जो शिलांग से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

कहाँ रहा जाए

मेघालय में रहने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें बजट-अनुकूल होमस्टे से लेकर लक्जरी रिसॉर्ट तक के विकल्प शामिल हैं, कुछ लोकप्रिय विकल्पों में मेघालय पर्यटन विभाग के गेस्टहाउस और गांवों में पर्यावरण-अनुकूल रिसॉर्ट्स है |

बांस ट्रेक अनुभव

Bamboo trek in meghalaya मावरिंगखांग ट्रेक वाहखेन गांव से शुरू होता है और एक नदी घाटी के आधार तक नीचे उतरता है | जहां से आपको कई बांस के पुलों के माध्यम से उफनती वाहरू नदी को पार करना होता है | जैसे-जैसे आप ऊपर चढ़ते हैं, तो आपको सुंदर झरने और संकीर्ण पुल मिलेंगे जो राजसी “यू मावरिंगखांग” पत्थर तक ले जाते हैं, जिसे पत्थरों के राजा कहा जाता है |

युक्तियाँ और सावधानियां

सही जूते: लंबी पैदल यात्रा के लिए उपयुक्त जूते पहनें, ताकि आपके पैर सुरक्षित और आरामदायक रहें।
पानी और स्नैक्स: अपने साथ पर्याप्त पानी और हल्के स्नैक्स रखें, क्योंकि मार्ग में दुकानें नहीं मिलेंगी।
रेनकोट: मेघालय में मौसम अनिश्चित हो सकता है, इसलिए रेनकोट या पोंचो साथ रखें।
कचरा प्रबंधन: प्रकृति की सुंदरता को बनाए रखने के लिए, अपने कचरे को एक बैग में इकट्ठा करें और गांव लौटने पर सही स्थान पर निपटान करें।

निष्कर्ष

Bamboo trek in meghalaya मावरिंगखांग ट्रेक एक रोमांचक और अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है, जो आपको मेघालय की प्राकृतिक सुंदरता और स्थानीय संस्कृति के करीब लाता है। यदि आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो यह ट्रेक आपकी बकेट लिस्ट में जरूर शामिल होना चाहिए।

FAQ

बांस ट्रेक को पुरा करने मे कितना टाइम लगता है ?
बांस ट्रेक को पुरा करने के लीये 4 से 5 घंटे का टाइम लगता है |

मेघालय मे सबसे कठीण ट्रेक यात्रा कोन सी है ?
मेघालय मे मावरीनग खांग ट्रेक सबसे कठीण ट्रेक यात्रा है |

क्या बांस ट्रेक कठीण है ?
हा बांस ट्रेक मध्यम स्तर का ट्रेक है |