Hampta chandratal trek | मनाली का सबसे बेस्ट ट्रेक

Hampta chandratal trek

Hampta chandratal trek : हंपटा चंद्रताल समुद्र तल से लगभग 14,100 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है, जिसके चारो और बर्फ से ढके हुए बडे बडे पर्वत है | इस पूरे ट्रैक पर आपको देवदार के सुन्दर वृक्षों के अलावा झरने, बर्फ से जमे लटकते हुए ग्लेशियर, झीले, पिनवुड, छोटे -छोटे कोमल घास के मैदान दिखाई देंगे जो इस पूरे ट्रैक को और भी रोमांचित और खूबसूरत बना देता है |

हंपटा चंद्रताल ट्रेक हिमालय में एक ट्रेक है , जो रोमांच, प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक ज्ञान का एक अनोखा मिश्रण है | लाहौल और स्पीति की सुरम्य घाटी में स्थित, यह ट्रेक हर ट्रैकिंग प्रेमी के लिए ज़रूरी है। इस पोस्ट में, हम हम्प्टा चंद्रताल ट्रेक के विवरण, इसके इतिहास, महत्व और आकर्षणों के बारे मे बात करेंगे |

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Hampta chandratal trek : इतिहास और महत्व

Hampta chandratal trek in hindi

Hampta chandratal trek : हंपटा चंद्रताल ट्रेक का समृद्ध इतिहास प्राचीन काल से है | इस ट्रेक का उपयोग स्थानीय लोगों द्वारा लाहौल और स्पीति की घाटियों के बीच व्यापार मार्ग के रूप में किया जाता था | यह ट्रेक आध्यात्मिक महत्व भी रखता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह वही मार्ग है जो पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान अपनाया था |

इस ट्रेक का नाम हंपटा दर्रे के नाम पर रखा गया है, जो ट्रेक का सबसे ऊँचा स्थान भी है | यह दर्रा समुद्र तल से 4270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और आसपास के पहाड़ों का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है | यह ट्रेक चंद्रताल झील तक भी जाता है, जो समुद्र तल से 4250 मीटर की ऊंचाई पर है |

Hampta chandratal trek : इस ट्रैक का नाम इस ट्रैक के बीच पड़ने वाले एक छोटे से गांव हंपटा के नाम पर रखा गया है | हामटा पास का इस्तेमाल ज्यादातर हिमालयी क्षेत्र के रहने वाले चरवाहे लोग किया करते है | गर्मियों के समय पर जब लाहौल व उसके आस पास की जमीने बंजर हो जाती है तब चरवाहे लोग यहाँ पर मौजूद घास के मैदानों में अपने बकरियों को चराने के लिए ले जाते है |

Hampta chandratal trek : यह ट्रैक हिमालय के अन्य ट्रैक्स के मुकाबले में ज्यादा कठिन नहीं है, इस कारण ट्रैक पर कोई भी आसानी से आ जा सकता है। बस ट्रैक पर जाने के लिए आपको मानसिक व शारारिक रूप से मजबूत होने की आवश्यकता होती है। यह ट्रैक मनाली से शुरू होकर चन्द्रताल के पास चतरू में जाकर समाप्त होता है।आपको हामटा दर्रे के साथ साथ होकर जाना होता है जहाँ बीच में आपको हर पल बदलते हुए मनोहारी मौसम व हरी-भरी प्राकर्तिक छटा के दर्शन होते है जो पर्यटको को एक अलग ही दुनिया में ले जाते है।

साहसिक खेलो को पसन्द करने वालो के लिए भी ये ट्रैक किसी अचरज से कम नहीं है। यहाँ हर पल चलती बर्फीली हवाएँ, चारो और खड़े देवदार के पेड़ो के बीच सफ़ेद बादलो की धुंध को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे आप स्वर्ग की तरफ जाने वाले रास्ते पर जा रहे हो। ये सब देखकर आपको विश्वास भी नहीं होगा की आप किसी ट्रैक पर यात्रा हेतु जा रहे है। ये अनुभूति आपके जीवन में कभी न भूलने वाला अनुभव होगा।

Hampta chandratal trek : इस ट्रैक पर आपको अन्य ट्रैक्स की तरह बीच में कही पर भी खाने-पीने, टी- हॉउस और मोबाइल कनेक्शन जैसे जरूरत की चीजे नहीं मिल पाती है | मोबाइल का नेटवर्क भी आपको परिनी (Prini) तक ही उपलब्ध हो सकता है | उसके बाद आप पूरी तरह से प्रकर्ति के साथ व प्रकर्ति की गोद में होते है। परन्तु यहाँ जाने का रास्ता अच्छा है जिस कारण आप आसानी से ट्रैक को पूरा कर सकते है। यह पूरा ट्रैक लगभग 26 किमी का है जिस पर आने व जाने में लगभग 4 से 5 दिन तक का समय लगता है |

यहाँ हर पल चलती बर्फीली हवाएँ, चारो और खड़े देवदार के पेड़ो के बीच, सफ़ेद बादलो को देखकर ऐसा लगता है जैसे आप स्वर्ग की तरफ जाने वाले रास्ते पर हो | ये सब देखकर आपको विश्वास नहीं होगा की आप किसी ट्रैक पर जा रहे है | इस ट्रेक का अनुभव आपके जीवन में कभी न भूलने वाला अनुभव होगा |

Hampta chandratal trek : इस ट्रैक पर आपको अन्य ट्रैक्स की तरह बीच में कही पर भी खाने-पीने, और मोबाइल के कनेक्शन जैसे जरूरत की चीजे नहीं मिलती है | मोबाइल का नेटवर्क भी आपको परिनी (Prini) तक ही उपलब्ध है | यहाँ पर जाने का रास्ता अच्छा है जिस कारण आप आसानी से ट्रैक को पूरा कर सकते है | यह पूरा ट्रैक लगभग 26 किमी का है जिस पर आने व जाने में लगभग 4 से 5 दिन का समय लग जाता है |

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Hampta chandratal trek : हांपटा चंद्रताल ट्रैक की शुरुवात हिमाचल के खूबसूरत शहर मनाली से होती है, मनाली विश्व का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक और रोमॅंटिक स्थल है जहाँ पर हर साल देश-विदेश से हजारो-लाखो पर्यटक इस खूबसूरत शहर को देखने के लिए और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आते रहते है |

ये पूरा शहर देवदार के वृक्षों से ढका हुआ है जो इस शहर की सुंदरता पर चार चाँद लगाता है | थंड के मौसम में यहाँ जम के बर्फ़बारी होती है जो पर्यटको को और भी रोमांचित कर देती है | हामटा पास दर्रा लाहौल की चंद्र घाटी और कुल्लू घाटी के बीच में यह स्थित है | यहाँ से हामटा पास ट्रैक में आने व जाने में तक़रीबन 3 से 4 दिन तक का समय लगता है |

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हंपटा चंद्रताल ट्रेक के आकर्षण

Hampta chandratal trek

हम्पटा दर्रा: ट्रेक का सबसे ऊँचा स्थान है, जहाँ से आसपास के बर्फ से ढके पहाड़ों का मनमोहक दृश्य दिखता है |
चंद्रताल झील: समुद्र तल से 4250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक खूबसूरत झील, जो अपने क्रिस्टल-साफ़ पानी और सुरम्य परिवेश के लिए पहचाना जाता है |
लाहौल घाटी: एक सुरम्य घाटी जो भागा नदी और केलांग घाटी जैसे आकर्षणों के साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है |
स्पीति घाटी: एक घाटी जो स्पीति नदी और की मठ जैसे आकर्षणों के साथ आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता |

Hampta chandratal trek : यात्रा कार्यक्रम

Hampta chandratal trek :

पहला दिन – मनाली से जोबरा 19 किमी का ड्राइव ट्रैक, जोबरी से चीका तक का अंतर 3000 मिटर है | ( 3-4 घंटे का ट्रैक समय )

दूसरा दिन – चीका से बालू का घेरा अंतर 3600 मिटर ( 5 से 6 घण्टे का ट्रेक समय )

तीसरा दिन – बालू का घेरा से हंपटा चंद्रताल ट्रैक से सिआ गोरु का अंतर 4250 मिटर (ट्रैक का 7 से 8 घण्टे )

चौथा दिन – सिआ गोरु से छतरू ( ट्रैक का समय 5 घंटे )

Hampta chandratal trek

पहला दिन: हांपटा चंद्रताल ट्रैक की शुरुवात मनाली से होती है | सबसे पहले आपको मनाली से जोबरा तक जाना है जो सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है | यहाँ तक आप अपने प्राइवेट वाहन से आसानी से पहुंच सकते है | जोबरा की दूरी मनाली से लगभग 16 किमी है, यहाँ तक पहुंचने में आपको 1 घंटे का समय लग जाता है | जोब्रा ही इस पूरे ट्रैक का बेस कैंप है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 9,800 फ़ीट की है |

Hampta chandratal trek : इसके बाद आपको जोब्रा से चिका(Chika) तक पैदल ट्रैक करते हुए जाना होता है जो समुद्र तल से लगभग 10,400 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। जोबरा से चीका तक पहुँचने में 3 से 4 घंटे का समय लगता है। इस ट्रैक के रास्ते पर आपको पालम तथा ओक के वृक्षों के साथ साथ लकड़ी के पुल दिखाई पड़ते है जो आपके पहले दिन की यात्रा में चार चाँद लगा देते है। यहाँ पर ट्रैकर्स के रहने के लिए कुछ लॉज बने हुए है जहाँ पर रूककर रात्रि विश्राम व भोजन आदि किया जा सकता है तथा अगले दिन से अपने ट्रैक की शुरूवात कर सकते है।

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दूसरा दिन: दूसरे दिन की शुरुवात मे आपको चीका (Chika) से करनी है जो बालू के घेरा पर जाकर खत्म होती है | जो पहले दिन की अपेक्षा मे ज्यादा कठिन और रोमांचकारी भी है | इस ट्रैक पर जाने के लिए आपको चन्द्रा नदी (Chandra River) के साथ जाना होता है जिसके बीच में आपको छोटे-छोटे घास के मैदान, झरने और खूबसूरत सफेद बर्फ से ढके पर्वतो को देखने का अवसर मिलता है | बालू का घेरा की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 11,000 फ़ीट की है जो पहाड़ो के बीच में स्थित एक सुन्दर घास का मैदान है | यही पर आप टेंट लगाकर रातभर विश्राम और भोजन की व्यवस्था कर सकते है |

तीसरा दिन: आपके ट्रेक की तीसरे दिन की शुरुवात बालू के घेरे ( Balu Ka Ghera ) से शुरू होती है और हामटा पास (Hamta Pass ) जाकर ख़त्म होती है | तीसरे दिन का ट्रैक पहले व दूसरे दिन से ज्यादा चुनौतियों से भरा हुआ होता है और ज्यादा लम्बा भी | ये ट्रैक लगभग 13 किमी लम्बा है जिस पर जाने में कम से कम 8 से 10 घंटे का समय लगता है | ट्रैक के माध्यम से आप ऊपरी बालू के गेरा तक पहुंचते है | यहाँ से आप बर्फ से ढके पहाड़ो के साथ देव टिब्बा, इन्द्रसेन पीक, इंदरकिला की खूबसूरत पहाड़ियों और आसपास की सुन्दरता को काफी करीब से देख सकते है |

Hampta chandratal trek : हंपटा की ऊंचाई लगभग 14,100 फ़ीट की है | हंपटा दर्रा से लगभग 3 से 4 घंटे की चढाई करके ऊपर पहुंचने पर आप सीमा गुरु तक पहुंच जाओगे | यहाँ पहुँचकर आपको अद्भुत शांति मिलती है | आप चाहे तो उसी दिन वापस बालू के घेरे पर आ सकते है नही तो आप वही हामटा पास में ही टेंट लगाकर आराम कर सकते है |
बालू का गेरा से शिया गोरू तक का ट्रेक, जो समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक छोटा सा गांव है |

चौथा दिन: अगले दिन सुबह आप सिआ गुरु से मौसम के साफ़ होने के बाद चंद्रताल होते हुए छतरु तक पहुंच जाओगे | इस दिन का ट्रैक अन्य दिन के मुकाबले मे बहुत है वही आपको प्रकृती की सुंदरता को देखने का मौका मिलता है | अंतिम दिन का यह ट्रैक लगभग 5 घंटे का होता है वही पर आपके ट्रैक का अंत है | यहाँ आप वाहन से रोहतांग पास होते हुए मनाली तक पहुंच सकते है | शीया गोरू से चंद्रताल झील तक का ट्रेक जो समुद्र तल से 4250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सुंदर झील है |

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Hampta chandratal trek कैसे जाये

How to go Hampta chandratal trek

हवाई मार्ग : हंपटा चंद्रताल ट्रैक पर जाने के लिए सबसे नजदिक का हवाई अड्डा भुन्तर में है, जो मनाली से 52 किमी की दूरी पर स्थित है | भुन्तर से लगातार हर घंटे मे सरकारी बसे भी मनाली के लिए रहती है | यहा प्राइवेट टैक्सी वाले भी 24 घंटे हवाई अड्डे के बाहर आपको खड़े मिल जायेंगे | आप यहाँ से बस या टैक्सी लेकर के आसानी से मनाली तक पहुंच सकते है | प्राइवेट टैक्सी वाले आपसे मनाली तक पहुंचाने के लिए 1000 रुपए से 1500 रुपये तक का चार्ज लेते है | मनाली पहुँच कर आप उसी टैक्सी से जोबरा पहुंच सकते है जहाँ से आपके हंपटा चंद्रताल ट्रैक की शुरुवात होती है |

बस द्वारा : सडक के रास्ते से हंपटा चंद्रताल ट्रैक पर जाने के लिए सबसे पास मे मनाली का बस स्टेशन है | जो देश के ज्यादातर भागो से जुड़ा हुआ है | दिल्ली से मनाली तक का अंतर लगभग 550 किमी है | दिल्ली से मनाली के लिए आपको हर समय नियमित बस सेवा उपलब्ध है |

अगर आप चंडीगढ़ से है तब भी आप मनाली तक आसानी से पहुंच सकते है | चंडीगढ़ से मनाली की दूरी और अंतर 310 किमी है, जहाँ आपको पहुंचने में लगभग 8 घंटे का समय लग जाता है | मनाली पहुँच कर आप उसी टैक्सी को किराये पर लेकर जोबरा जा सकते है जहाँ से आपके ट्रैक की शुरुवात होती है |

Hampta chandratal trek ट्रैक कब जाये

Hampta chandratal trek

हंपटा चंद्रताल ट्रैक पर आप मई महीने के दूसरे सप्ताह से लेकर अक्टूबर महीने के दूसरे सप्ताह तक जा सकते है |इस ट्रेक को करने का सबसे अच्छा समय जून महीने के पहले सप्ताह से लेकर सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह तक का है | मई महीने में यहा पर बहुत ज्यादा बर्फ रहती है | इसलिए साल के इस समय आपको हम्पटा पास को ट्रेक किये बिना ही वापस आना पडेगा |

Hampta chandratal trek : बॅग पॅकिंग

Hampta chandratal trek : हंपटा चंद्रताल ट्रैक पर जाने से पहले कुछ चीजों को साथ मे जरूर ले जाना चाहिए जो की आपके लिए आवश्यक है | वहाँ का मौसमहर घंटे मे बदलता रहता है जिस के कारण वहाँ ठण्ड भी अधिक होती है | इसलीये आपको ठण्ड और बारिश से बचने के लीये रेनकोट, फुल स्लीव्स की पतली जैकेट्स, मंकी कैप, ट्रैकिंग शूज, गर्म मोज़े, मफलर, तौलिए और धुप से बचने के लीये अच्छे क्वालिटी के चश्मे, कोल्ड क्रीम, लिप बाम, सनस्क्रीन लोशन, लेड टॉर्च, गर्म पानी की बोतल, ट्रैकिंग पोल, सिरदर्द की दवाइयाँ का सामान है |

आपको ट्रैक पर जाते समय अपने साथ बॅग मे पॅक रखना चाहिए | इनकी जरूरत आपको ट्रैक पर जाते समय कभी भी पड़ सकती है | ट्रैक पर जाने से 2 या 3 दिन पहले आपको ज्यादा पानी पीना चाहिए क्युकि ट्रेक के दौरान आपको डिहायड्रेशन का सामना न करना पडे |

युक्तियाँ और सावधानियां

Hampta chandratal trek

हम्पटा चंद्रताल ट्रेक एक चुनौतीपूर्ण ट्रेक है, जिसमें ऐसे आकर्षण हैं जिनके लिए सावधानीपूर्वक और तैयारी की आवश्यकता होती है | ध्यान में रखने योग्य कुछ युक्तियाँ और सावधानियाँ यहा पर शामिल हैं |

शारीरिक फिटनेस: इस ट्रेक के लिए अच्छे स्तर की शारीरिक फिटनेस की बहुत आवश्यकता होती है, हंपटा दर्रा और चंद्रताल झील जैसे आकर्षणों को ट्रेक करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है |
मौसम: हंपटा चंद्रताल ट्रेक गर्मियों के महीनों के दौरान ट्रेक करना सबसे अच्छा होता है, हंपटा दर्रा और चंद्रताल झील जैसे आकर्षणों के लिए साफ मौसम की आवश्यकता होती है |
उपकरण: ट्रेक के लिए अच्छे स्तर के उपकरणों की आवश्यकता होती है, हंपटा दर्रा और चंद्रताल झील जैसे आकर्षणों के लिए उचित ट्रैकिंग गियर की आवश्यकता होती है |

निष्कर्ष

Hampta chandratal trek : हंपटा चंद्रताल ट्रेक हिमालय में एक आसान और खूबसूरत ट्रेक है, जो काफी रोमांच, प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक ज्ञान से भरा हुआ है | यह हंपटा चंद्रताल ट्रेक हर ट्रैकिंग प्रेमी के लिए महत्वपूर्ण ट्रेक है | जिसमें हंपटा दर्रा और चंद्रताल झील जैसे आकर्षण है | चाहे आप एक अनुभवी ट्रेकर हों या शुरुआती यह बहुत दिलचस्प ट्रेक है | आपको ईसे जरूर ट्रेक करना चाहिये |