Kudremukh trek :
Kudremukh trek कुदरत के खूबसूरत नजारों से घिरा हुआ, कुद्रेमुख ट्रेक वेस्टर्न घाट्स के घने जंगलों में स्थित है। यह ट्रेक कर्नाटक के चिकमगलूर जिले में है। अपनी शानदार प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए मशहूर, यह ट्रेक एक ऐसा अनुभव है जिसे आप कभी भूल नहीं पाएंगे।
कुद्रेमुख, जिसका मतलब होता है ‘घोड़े के चेहरे’ के आकार का पहाड़, उडुपी (Udupi) और दक्षिण कन्नड़ (Dakshina Kannada) की सीमाओं से घिरा हुआ है। 1894 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह जगह ट्रेकर्स के लिए एक स्वर्ग जैसी है।

कुद्रेमुख ट्रेक का इतिहास
1916 में जब ब्रिटिश इंडिया में डिफॉरेस्टेशन रोकने के लिए कदम उठाए गए, तो कुड्रेमुख को रिजर्व फॉरेस्ट घोषित किया गया। 1987 में कर्नाटक सरकार ने इसे नेशनल पार्क का दर्जा दिया।
कुद्रेमुख ट्रेक की लोकप्रियता
Kudremukh trek यह ट्रेक अपने अद्भुत नजारों और ट्रेकिंग ट्रेल्स (Trekking Trails) के लिए फेमस है। यहां ट्रेकिंग के लिए जाने से पहले फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से परमिशन लेना जरूरी है।
ट्रेक ज्यादातर लोबो प्लेस से शुरू होता है, जो घने जंगलों के बीच स्थित है। यह जगह पहले साइमन लोबो नाम के व्यक्ति की थी। रोमांच और एडवेंचर के शौकीनों के लिए कुड्रेमुख एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है।

वन्यजीव और जैवविविधता
कुद्रेमुख ट्रेक वेस्टर्न घाट्स की हरियाली और वन्यजीवन के बीच से गुजरता है। यहां आपको बाघ, तेंदुआ, जंगली कुत्ते, और हिरण जैसे जानवर देखने का मौका मिलता है।
ट्रेक की शुरुआत छोटे गांव मुलोडी (Mullodi) से होती है। रास्ते में आप झरने, बहते हुए पानी के स्रोत, और कॉफी के खेतों के साथ वेस्टर्न घाट्स की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं।
कुद्रेमुख के मेले और त्यौहार
- करावली फेस्टिवल : हर साल फरवरी में कर्नाटक सरकार द्वारा आयोजित यह फेस्टिवल भूत पूजा, नागमंडल और डेमन डांस जैसे अनुष्ठानों को प्रस्तुत करता है।
- नवरात्रि फेस्टिवल : यह दस दिन का त्योहार दुर्गा पूजा के अवसर पर चिकमगलूर में मनाया जाता है।
स्थानीय भोजन
कुद्रेमुख और आसपास के इलाकों में ज्यादा फूड ऑप्शन नहीं हैं। हालांकि, कुछ रेसॉर्ट्स , रेस्टोरेंट्स और लोकल ढाबे में टेस्टी साउथ इंडियन फूड मिलता है। यहां आप डोसा, बिसी बेले भात, अक्की रोटी, जोलाडा रोटी, इडली, वड़ा, सांभर, केसरी भात , रागी मुढ़े और वांगी भात जैसे व्यंजन ट्राय कर सकते हैं।
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कुद्रेमुख ट्रेक यात्रा कार्यक्रम

1.पहला दिन: बैंगलोर से कुड्रेमुख तक 6-7 घंटे की ड्राइव करें। रास्ते में चिकमगलूर और श्रंगेरी मंदिर (Sringeri Temple) जैसे आकर्षण देखें।
तीसरा दिन: लाक्या डैम से कुड्रेमुख पीक (Kudremukh Peak) तक ट्रेक करें। यह ट्रेक आपको 4-5 घंटे में 1894 मीटर की ऊंचाई तक ले जाता है।
दूसरा दिन: कुड्रेमुख से लाक्या डैम तक ट्रेक करें। यह डैम जंगल के बीच स्थित है और यहां तक पहुंचने में 5-6 घंटे लगते हैं।
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कुद्रेमुख में अन्य आकर्षण
- कुड्रेमुख नेशनल पार्क : 600 वर्ग किलोमीटर में फैला यह पार्क अपने प्राकृतिक सौंदर्य और वाइल्डलाइफ के लिए मशहूर है।
- हनुमान गूंडी फॉल्स : 100 फीट ऊंचाई से गिरने वाला यह झरना अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है।
- कलसा : भद्रा नदी के किनारे स्थित यह छोटा सा गांव अपने पुराने कालेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
- गंगामूला : यह जगह तुंगा, भद्रा और नेत्रवती नदियों का उद्गम स्थल है।
- लाक्या डैम : यह भद्रा नदी की सहायक नदी लाक्या पर बना है। हरी-भरी पहाड़ियों के बीच स्थित यह डैम एक प्रमुख आकर्षण है।
- होरणाडू : यह जगह अन्नपूर्णेश्वरी देवीके मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।

कुद्रेमुख ट्रेक जाने के लिए सबसे अच्छा समय
यहां का मौसम पूरे साल सुहावना रहता है।
नवंबर से जनवरी : एडवेंचर एक्टिविटीज़ जैसे स्कूबा डाइविंग के लिए सही समय।
अक्टूबर से मई : ट्रेकिंग और वाइल्डलाइफ देखने के लिए बेस्ट समय।
कुद्रेमुख ट्रेक कैसे पहुँचे (kudremukh trek )
एयर रूट: सबसे नजदीकी एयरपोर्ट मंगलुरु (Mangalore) है, जो यहां से 93 किमी दूर है।
ट्रेन: मंगलुरु रेलवे स्टेशन कुड्रेमुख से 113 किमी की दूरी पर है।
रोड रूट: कुड्रेमुख बैंगलोर, चिकमगलूर, मंगलुरु जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां केएसआरटीसी (KSRTC) की बसें उपलब्ध हैं।
युक्तियाँ और सावधानियां
शारीरिक फिटनेस: कुद्रेमुख ट्रेक के लिए अच्छे स्तर की शारीरिक फिटनेस की आवश्यकता होती है, कुद्रेमुख चोटी जैसे ट्रेक के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यक होती है |
मौसम: गर्मियों के महीनों के दौरान ट्रेक करना सबसे अच्छा होता है, कुद्रेमुख की चोटी ट्रेक के लिए साफ मौसम की आवश्यकता होती है |
उपकरण: ट्रेक के लिए अच्छे स्तर के उपकरणों की आवश्यकता होती है, कुद्रेमुख चोटी जैसे आकर्षणों के लिए उचित ट्रैकिंग गियर की जरूरत होती है |
निष्कर्ष
कुद्रेमुख ट्रेक एक अद्भुत और यादगार ट्रेक है | अपने ऊबड़-खाबड़ इलाके, प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता के साथ, यह ट्रेक ट्रेकर के लीये खूबसूरत और साहसी बनाता है | चाहे आप अनुभवी ट्रेकर हों या शुरुआती के, कुद्रेमुख ट्रेक आपको ट्रेकिंग मे चुनौती के साथ साथ अविस्मरणीय अनुभव भी देगा |
FAQ
कुद्रेमुख का क्या अर्थ होता है ?
कुद्रेमुख का शाब्दिक अर्थ घोड़े का चेहरा ऐसा होता है |
Kudremukh trek कहा से शूरु होता है ?
Kudremukh trek मुल्लोडी गांव से शुरू होता है, जो कलसा से लगभग 15 किमी दूरी पर है |
कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान कहा पर है ?
कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़, उडुपी जिले और चिकमंगलूर जिले के त्रि-जंक्शन पर स्थित है |
कुद्रेमुख से कोनसी नदी बहती है ?
कुद्रेमुख से भद्रा नदी बहती है |