Lohagad fort trek in hindi | लोहगढ किला ट्रेक

Lohagad fort trek in hindi

Lohagad fort trek in hindi : लोहगढ किला ट्रेक : लोहगढ़ यानी लोहा और गढ़ मतलब किला जो लोहे जैसी मजबूती से बना हुआ है | इस ऐतिहासिक किले का इतिहास मराठा सम्राट छत्रपती शिवाजी महाराज से जुड़ा हुआ है | समुद्र तल से लगभग 3400 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ी पर यह लोहगढ किला स्थित है | यह ऐतिहासिक महत्वपूर्ण किला पुणे से लगभग 52 किलोमीटर के दायरे मे है |

Lohagad fort trek in hindi : प्रसिद्ध लोनावाला हिल स्टेशन यहा से लगभग 20 किलोमीटर पर स्थित हैं | यह ट्रेक ट्रेकर, यात्री और पर्यटक के लीये महत्वपूर्ण ट्रेक है | किले की चोटी तक ट्रेक करके पहुंचने के लिए 250 से 350 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं | इसे ट्रेक करने के लीये 2 घंटे लग जाते है | छत्रपती शिवाजी महाराज ने सूरत मे दो बार लुटी थी, यह खजाना यही पर रखा गया था |

Lohagad fort trek in hindi

इतिहास और महत्व

Lohagad fort trek in hindi : लोहागढ़ किला 18 वीं शताब्दी की बनावट का हैं | इस किले का ऐतिहासिक महत्व और साथ ही राजवंशों के लिए किला शक्ति का प्रमुख केंद्र रहा है | जिनमे से खासतौर पर बहमनी, निज़ाम, मुग़ल, चालुक्य, राष्ट्रकूट, यादव और मराठा साम्राज्य आदि वंश शामील है | सन 1648 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस किले पर विजय प्राप्त कर अपने कब्जे मे लिया था | लेकिन वर्ष 1665 में यह किला पुरंदर तह मे मुगलों के कब्जे में गया |

किले का नाम लोहागढ़ गांव के नाम पर रखा गया है, जो किले के आधार पर स्थित है | यह लोहागढ गाँव अपने प्राचीन मंदिरों और खंडहरों के लिए लोकप्रिय माना जाना जाता है, जो यादव राजवंश के समय से हैं | किला कई प्राचीन गुफाओं का भी घर है, जिनके बारे में माना जाता है कि उनका उपयोग बौद्ध भिक्षुओं द्वारा किया जाता था |

वास्तुकला

Lohagad fort trek in hindi : लोहागढ़ किले की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3400 फीट की हैं | इस किले में चार प्रवेश द्वार हैं, गणेश दरवाजा, नारायण दरवाजा, हनुमान दरवाजा और एक महादरवाजा हैं | महादरवाजे पर कुछ नक्काशीदार सुंदर मूर्तियां बनाई हुई है | किले पर एक प्रसिद्ध स्थान है जिसे ‘ विंचू काटा ‘ कहा जाता है | किले की वास्तूकला बहुत ही विशेष रूप मे बनाई है, इसलीये वह लोकप्रिय है |

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लोहगढ किले के पास स्थित आकर्षण

lohgadh trek in hindi यह स्थान पर्यटन स्थल बन चुका है | लोहगढ किले को ट्रेक करना और यहा के आकर्षित स्थानो पर जाना यात्रीयोमे लोकप्रिय है | लोहगढ किले का ट्रेक और वहा के आकर्षक, खूबसूरत स्थान के बारे मे आगे बताया गया है |

लोनावला झील : Lohagad fort trek in hindi

पुणे जिले का एक आकर्षित हिल स्टेशन है लोणावला झील | यह आपणी खुबसुरती के लीये लोकप्रिय है | लोणावला कैंडी चिक्की के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है और यहां पर बरीश के मौसम मे पर्यटकोकी भीड रती है |

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राजमाची पॉइंट :

राजमाची पॉइंट यह लोहगढ ट्रेक (Lohagad fort trek in hindi ) यात्रा में घूमने लायक जगह है | यह लोनावाला रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी पर है और बहुत ही खूबसूरत स्थान है | लोनावाला घाट के शुरुआत मे ही पुणे-मुंबई राज्यमार्ग पर राजमाची पॉइंट है | इस पॉइंट को राजमाची नाम मिलनेसे मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के राजमची किला है | यह राजमाची पॉइंट राजमची किले के आसपास के आकर्षित दृश्य को हम यहा से देख सकते है | राजमाची पॉइंट पर एक दर्शनीय मंदिर और बच्चों को खेलने के लिए सुन्दर पार्क है |

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कर्नाला पक्षी अभयारण्य :

कर्नाला पक्षी अभयारण्य रायगढ जिले के पनवेल मे है | यह स्थान लोहगढ से सबसे करीब का स्थान है | इस अभयारण्य को साल 1968 में पक्षी अभयारण्य का दर्जा दिया गया था | यह कर्नाला किले के नीचे स्थित है इसलीये यह काफी प्रसिद्ध से अधिक प्रसिद्ध हुआ हैं | कर्नाला में निवासी और प्रवासी पक्षियों का निवास हैं |

तुंगा किला :

मराठा साम्राज्य का यह तुंगा किला कामशेत में स्थित हैं और इस किले के तीन ओर से पानी है | यह किला सन 1600 में आदिल शाही शासन मे इसे बनाया गाय था | बाद में इस किले को मराठा साम्राज्य के छत्रपति शिवाजी ने इसे युद्ध मे जीत लिया | इस किले तक पहुंचने के लिए 1200 फीट की ऊंची चढाई करके आना होता है |

लायन्स पॉइंट :

यह खूबसूरत आकर्षक लायंस पॉइंट भुशी डैम और आमबी घाटी के बीच मे हैं |यह का मनमोहक दृश्य देखकर मन प्रसन्न हो जाता हैं | बारीश में यहा के झरने, हरे भरे पहाड इस पॉइंट की सुन्दरताऔर बढाते है |

कुणे वॉटरफॉल्स :

कुणे वॉटरफॉल्स महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित एक आकर्षित झरना हैं | यह प्रसिद्ध कुणे वॉटरफॉल खंडाला में घूमने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक है | कुणे वॉटरफॉल्स 200 मीटर की ऊँचाई से नीचे गिरता है | कुणे फॉल्स खंडाला से 4 किलोमीटर की दूरी पर आता है | यहा आने पर यात्री प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते है |

श्री नारायणी धाम मंदिर : Lohagad fort trek in hindi

श्री नारायणी धाम मंदिर खंडाला के नजदिक का धनकवड़ी में स्थित है | यह नारायणी धाम मंदिर माँ नारायणी को समर्पित है जिसका निर्माण वर्ष 2002 में किया गया था | यह पुरा मंदिर सफ़ेद पत्थरों से बनाया हुआ हैं | इस मंदिर मे चार मंजिला हैं जिनमे भगवान गणपति, हनुमान जी और अन्य देवी देवताओं की मूर्ती स्थापित की गयी हैं |

बंजी जंपिंग :

लोहागढ़ किले की यात्रा को जाते वक्तआप खंडाला मे आप डेला एडवेंचर्स पार्क मे बंजी जंपिंग का मजा ले सकते हैं | बंजी जम्पिंग का साधन 150 फीट की ऊंचाई पर है | बंजी जम्पिंग में 10 वर्ष से अधिक और 35 किलोग्राम से कम वजन के लोगो को अनुमति दी जाती हैं | बंजी जंपिंग ऊन लोगो के लीये है जो साहसी है |

भुशी डैम :

भुशी डैम खंडाला में इंद्रायणी नदी पर स्थित है | भुशी डॅम मान्सून मे सबसे अधिक भेट देनेवाला इस क्षेत्र खंडाला क्षेत्र का लोकप्रिय डॅम है | स्थलों में से एक हैं | बडी चट्टानो से नीचे गिरता हुआ पानी और उसकी आवाज मन को तृप्त करती है |

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इमेजिका खंडाला : Lohagad fort trek in hindi

लोहागढ़ किला के प्रमुख आकर्षण में इमेजिका थीम पार्क भी शामील है | इस पार्क को अप्रैल 2013 में बनाया गया हैं | यह पार्क महाराष्ट्र का लोकप्रिय मनोरंजन थीम पार्क है | यह वन स्टॉप मनोरंजन पॉइंट है | इमेजिका थीम पार्क खोपोली के पास मुंबई और पुणे एक्सप्रेसवे पर है | यह पार्क तीन मनोरंजन क्षेत्रों में है, थीम पार्क, स्नो पार्क और वाटर पार्क |

आमबी घाटी :

आमबी घाटी महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक सुंदर बस्ती है, इसे सहारा इंडिया परिवार ने विकसित किया है | लगभग 10,000 एकर के पहाड़ी इलाके में यह बस्ती हैं | लोहागढ़ किला की यात्रा पर आने वाले यात्री आमबी घाटी मे आकर यहा का सुंदर नजारा देखते है |

टाइगर पॉइंट :

लोहागढ़ किले का लोकप्रिय आकर्षण टाइगर पॉइंट है | यह टायगर पॉइंट आमबी घाटी जाने वाले मार्ग मे कुरावंडे नामक स्थान पर स्थित प्राकृतिक सुंदरता का खूबसूरत और बेहतरीन नजारा हर यात्री को लुभाता हैं | टाइगर पॉइंट वागढारी के नाम से प्रसिद्ध बडी पहाड़ी की चोटी है | यहा का पुरा क्षेत्र चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ हैं | यह स्थान खूबसूरत झरने, पर्वत, हरियाली और झीलों का भांडार हैं | टाइगर पॉइंट लोहागढ़ किला के नजदीक मे ही स्थित हैं |

कार्ला गुफाएं :

लोहागढ़ किला की प्रमुख पर्यटन स्थलों में कार्ला गुफाएं महाराष्ट्र के खंडाला के पास कारली नाम से जाने वाले जगह पर स्थित है | यह एक प्राचीन भारतीय बौद्ध रॉक-कट से बना हुआ गुफा हैं | कार्ला गुफाओं के पास मे आकर्षित नक्काशीदार चैत्य का भिक्षुओंका विहार हैं |

भैरवनाथ मंदिर : Lohagad fort trek in hindi

लोहागढ़ किले की यात्रा मे आपको भैरवनाथ मंदिर को भी जाना चाहिये | यह भैरवनाथ मंदिर राजमाची में स्थित हैं, इसकी वास्तुकला और डिजाइन वहा के अन्य शिव मंदिरों के समान है | भगवान शिवजी को समर्पित इस मंदिर में महाशिवरात्रि का त्यौहार बडी भव्यता, अखंडता और उत्साह के साथ मनाया जाता हैं |

एकवीरा मंदिर :

लोहागढ़ किले के पास मे एकवीरा देवी माता का मंदिर है, जो बहुत ही प्रसिद्ध और यह कार्ला गुफा के पास मे स्थित हैं | एकवीरा मंदिर विशेष रूप से कोली लोगों के लीये महत्वपूर्ण है | एकवीरा मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी के ऊपर स्थित है और मंदिर में देवी माँ के दर्शन करने के लिए लगभग 200 सीढियां चढ़कर उपर जाना होता हैं |

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लोहागढ़ किला घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

Lohagad fort trek in hindi लोहागढ़ किले की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय मानसून का हैं क्योंकि बारिश के मौसम में किले के आसपास का वातावरण तरोताजा होता हैं | यहा के पर्वतो पर हरे रंग की चादर मान्सून मे आती है | लेकिन अक्टूबर से मार्च के बीच का समय भी लोहागढ़ किले को ट्रेक करने के लिए अच्छा माना जाता हैं |

महाराष्ट्र के लोहागढ़ किले का ट्रेक समय

Lohagadh fort trek in hindi पर्यटकों के लिए सुबह 9 बजे से शाम के 6 बजे तक के समय मे यात्रीयोंके लीये खुला रहता हैं | इसके बाद आप वहा पर नही जा सकते |

लोहागढ़ किला कैसे जाये

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हवाई मार्ग : Lohagad fort trek जाने के लीये पुणे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लोहागढ़ किले का सबसे नजदिक का हवाई अड्डा है | यहाँ से आप किराये पर वाहन लेकर लोहागढ़ किला पहुँच जाएंगे |

ट्रेन से : Lohagad fort trek जाने के लिए खंडाला टूरिस्ट प्लेस का अपना रेलवे स्टेशन हैं | जो देश के अन्य प्रमुख रेल्वे स्टेशन से जुड़ा हुआ हैं | ट्रेन के माध्यम से भी आप लोहागढ़ किले की यात्रा पर निकल सकते है और यात्रा एन्जॉय कर सकते है |

बस से : Lohagad fort trek की यात्रा के लिए आप सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो आप खंडाला के हिल स्टेशन मुंबई – पुणे एक्सप्रेसवे पर यह किला स्थित है | या मार्ग खोपोली, कर्जत, तलेगांव दाभाडा जैसे प्रमुख शहरो से जुड़ा हुआ हैं | आप बस से लोहागढ़ की यात्रा पर जा सकते हैं |

कहाँ रुके

Lohagad fort trek in hindi : लोहागढ़ किला की यात्रा मे आपको यह पर रुकने के लीये बहुत सारे विकल्प है | आपके बजट के अनुसार आप इनमे से एक का चुनाव कर सकते है | किले के पास खंडाला में कम बजट से लेकर जादा बजट के होटल,रूम्स आपको मिल जायेंगे |

स्थानीय भोजन

Lohagad fort trek in hindi : लोहागढ़ किले को ट्रेक करते समय आप यहाँ के स्थानीय भोजन और स्वादिष्ट व्यंजनों का आस्वाद ले सकते हैं | आप खंडाला मे भोजन कर सकते है, यहा पर आपके लीये भोजन की व्यवस्था है | यहाँ आने वाले यात्री का स्वागत करने के लिए यहा के लोग उत्सुक रहते हैं | खंडाला में नास्ते में आपको वड़ा पाव और भजिया मिलते है, आप इनका लुत्फ उठा सकते है | इसके अलावा खंडाला में पारंपरिक शाकाहारी महाराष्ट्रीयन थाली, पेड़ा आदि व्यंजन मिल जायेंगे |

युक्तियाँ और सावधानियां

Lohagadh fort trek in hindi लोहगढ किला ट्रेक जाते समय इन बातोनको ध्यान मे रखे |

लोहागढ़ किला ट्रेक एक चुनौतीपूर्ण ट्रेक है, जिसमें ऐसे आकर्षण हैं जिनके लिए सावधानीपूर्वक योजना और तैयारी की आवश्यकता है | उन्हे ध्यान में रखने योग्य कुछ युक्तियाँ और सावधानियाँ शामिल हैं :

शारीरिक फिटनेस: ट्रेक के लिए अच्छे स्तर की शारीरिक फिटनेस की आवश्यकता होती है, लोहागढ़ किले का ट्रेक और आकर्षणों के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है |
मौसम: मानसून के मौसम में ट्रेक करना सबसे अच्छा होता है, झरने जैसे आकर्षणों के लिए बारीश का मौसम अच्छा होता है |
मानसून के मौसम में आप लोहगढ किले की यात्रा कर रहे है तो साथ मे रेनकोट ले जाये |
किले मे बनी पुरानि गुफा मे बिना जानकारी के न जाये |

निष्कर्ष

Lohagad fort trek in hindi : लोहागढ़ किला ट्रेक एक ऐसा अनुभव है जो आपको यादगार अनुभव देगा | अपने प्राचीन खंडहरों, मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध इतिहास के साथ, यह ट्रेक हर साहसिक उत्साही के लिए ट्रेक करना ज़रूरी है | इसके लीये चाहे आप एक अनुभवी ट्रैकर हों या शुरुआती के, लोहागढ़ किला ट्रेक आपको चुनौती देगा और आपको अविस्मरणीय अनुभवों से उसे पुरा करना होता है |

FAQ

1 ) लोहगढ किले मे कितनी सीढीया है ?
लोहगढ किले मे 250 से 300 सीढीया है |

2 ) लोहगढ ट्रेक करने के लीये कितना समय लगता है ?
लोहगढ ट्रेक करने के लीये लगभग 2 घंटे का समय लगता है |

3 ) क्या लोहगढ ट्रेक यात्रा कठीण है ?
लोहगढ ट्रेक यात्रा का कठिणाई स्तर आसान है |

4 ) लोहगढ किला कितना पुराना है ?
लोहगढ किले का निर्माण सन 1732 मे महाराजा सूरजमल ने शूरु किया था और इसे पुर होने मे 60 साल लगे थे |

5 ) पुणे से लोहगढ कैसे जाये ?
पुणे से लोणावला तक जाकर आप लोणावला से ट्रेन से मालवली स्टेशन पर या जाएंगे और वहा से लोहगढ किला 5 किलोमीटर की दुरी पर है |