Mohata Devi Temple Pathardi Maharashtra | भक्तों के दान से बनाया गया है ये एक चमत्कारी शक्ति पीठ !

Mohata Devi Temple Pathardi Maharashtra भारत में देवी शक्ति के कई मंदिर हैं, जहाँ श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने के लिए जाते हैं। इन्हीं में से एक है मोहोटा देवी मंदिर, जो महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पाथर्डी तालुका में स्थित है। यह मंदिर अदिमाया शक्ति की पावन स्थल है और माँ रेणुका देवी का प्रमुख मंदिर माना जाता है।

Mohata Devi Temple Pathardi Maharashtra

माँ रेणुका देवी और शक्ति पीठों का महत्व

भारत में 51 शक्ति पीठों का उल्लेख मिलता है, जिनमें से तीन महाराष्ट्र में स्थित है |

1) कोल्हापुर की अंबाबाई माता

2)तुलजापुर की भवानी माता

3)सप्तश्रृंगी देवी, वाणी

Mohata Devi Temple Pathardi Maharashtra

Mohata Devi Temple Pathardi Maharashtra इस मंदिर की मुख्य देवता मोहटा देवी है, जो रेणुका देवी के नाम से भी जानी जाती है | मंदिर मे दिन में तीन बार देवी की आरती की जाती है | हररोज सुबह 5 बजे से पूजा शुरू हो जाती है | सुबह 7 बजे प्रथम आरती, दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे महाआरती की जाती है | मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है |

इसके अलावा, महूर की रेणुका माता को भी शक्ति का प्रतीक माना जाता है। माँ रेणुका देवी को भगवान परशुराम की माता कहा जाता है और ये महान ऋषि जमदग्नि की पत्नी थीं।

मोहोटा देवी मंदिर की स्थापना कैसे हुई?

Mohata Devi Temple Pathardi Maharashtra यह कहानी उस समय की है जब पाथर्डी तालुका में भीषण अकाल पड़ा था। बारिश न होने के कारण किसान परेशान थे। खेतों में अनाज नहीं हो रहा था और जानवरों के लिए चारा भी खत्म हो गया था। गाँव के लोग महूरगढ़ की ओर भोजन की तलाश में गए। वहाँ उन्होंने देखा कि यह स्थान अधिमाया शक्ति का केंद्र है। उन्होंने माँ रेणुका माता की पूजा की और प्रार्थना की कि वे उनकी रक्षा करें।

माँ ने उनकी पुकार सुनी और कहा –

“तुम लोग मेरी इतनी भक्ति करते हो, मैं खुद तुम्हारे गाँव आऊँगी और तुम्हारी रक्षा करूँगी।”

इतना कहते ही अचानक बारिश होने लगी और किसानों की समस्या हल हो गई। माँ ने भक्तों के सपने में आकर बताया कि वे अब मोहोटा गाँव में आ गई हैं।

मंदिर की खोज और पहला निर्माण

Mohata Devi Temple Pathardi Maharashtra बारिश के बाद जब किसान वापस अपने गाँव लौटे, तो एक दिन एक किसान लकड़ियाँ काटने पहाड़ पर गया। वहाँ उसे एक हरे पेड़ के नीचे माँ रेणुका देवी की रूप की प्रतिमा चावल के रूप में दिखाई दी। यह देखकर पूरा गाँव वहाँ इकट्ठा हो गया और माँ की जय-जयकार करने लगा। उसी स्थान पर देवी का पहला छोटा मंदिर बनाया गया।

धीरे-धीरे यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी और मंदिर को भव्य रूप दिया गया। अब यह मंदिर हेमाडपंथी शैली में बना हुआ है और इसकी आकृति श्री यंत्र के आकार की है।

माँ मोहोटा देवी के चमत्कार

सिंदूर हटाने पर माँ का क्रोध

एक बार मंदिर के पुजारियों ने देवी की मूर्ति से पुराना सिंदूर हटाने का काम शुरू किया। इसके लिए एक कारीगर हथौड़ा लेकर आया और जैसे ही उसने मूर्ति पर चोट की, अचानक मूर्ति से अग्नि की ज्वाला निकली।

यह देखकर वह कारीगर घबरा गया और वहाँ से भाग खड़ा हुआ। उसी के बाद गाँव में अचानक बीमारियाँ फैलने लगीं। लोग डर गए और उन्होंने माँ से क्षमा मांगी। जब भक्तों ने पूजा और हवन किया, तो माँ शांत हुईं और गाँव फिर से पहले जैसा हो गया।

ग्वालियर के सिंधिया राजवंश को पुत्र प्राप्ति

मंदिर के चमत्कारों की चर्चा ग्वालियर के सिंधिया राजवंश तक पहुँची। राजा के घर कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने यहाँ आकर माँ से प्रार्थना की –

“हे माँ, हमें संतान प्राप्ति का वरदान दें।”

माँ ने उनकी प्रार्थना स्वीकार की और जल्द ही सिंधिया परिवार में पुत्र का जन्म हुआ। कृतज्ञता स्वरूप, सिंधिया राजवंश ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और यहाँ भव्य दीपमाला बनवाई।

यह भी पढे : कारला की एकवीरा देवी का इतिहास जुडा है, पांडवो से !

मोहोटा देवी मंदिर की विशेषताएँ

हेमाडपंथी स्थापत्य कला

मंदिर का निर्माण हेमाडपंथी शैली में किया गया है। इस शैली में पत्थरों को जोड़ने के लिए चूना या सीमेंट का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि पत्थरों को विशेष तरीके से फिट किया जाता है।

मंदिर की भौगोलिक स्थिति

यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है, जहाँ से आसपास का सुंदर नज़ारा देखा जा सकता है। यहाँ भक्तों के लिए विशेष धर्मशाला और भोजन प्रसाद की व्यवस्था भी है।

नवरात्रि उत्सव

हर साल नवरात्रि के दौरान यहाँ भव्य उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस समय हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।

मनोकामना पूर्ण करने वाला मंदिर

ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त यहाँ सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

मोहटा देवी मंदिर कैसे पहुँचे ?

मोहोटा देवी मंदिर, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के पाथर्डी तालुका में स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए –

हवाई मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा औरंगाबाद एयरपोर्ट (150 किमी) है।

रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन अहमदनगर जंक्शन (50 किमी) है।

सड़क मार्ग : मुंबई, पुणे, औरंगाबाद से बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं। मंदिर तक पहुँचने के लिए लोकल बस सेवा और प्राइवेट कैब की सुविधा भी है।

निष्कर्ष

Mohata Devi Temple Pathardi Maharashtra मोहोटा देवी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि अध्यात्म, शक्ति और भक्ति का केंद्र है। यहाँ आने वाले भक्तों को माँ की अद्भुत ऊर्जा और सकारात्मकता महसूस होती है। यदि आप भी माँ रेणुका देवी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो एक बार मोहोटा देवी मंदिर ज़रूर जाएँ और माँ का आशीर्वाद लें।