Radha Damodar Temple Vrindavan | भक्ति और इतिहास का संगम

Radha Damodar Temple Vrindavan श्री राधा दामोदर मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित है। यह मंदिर राधा और कृष्ण को समर्पित है, जहाँ श्रीकृष्ण “दामोदर” के रूप में पूजे जाते हैं। यह मंदिर वृंदावन के सात प्रमुख गोस्वामी मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का एक अद्भुत इतिहास और आध्यात्मिक महत्व है, जो भक्तों को श्री राधा कृष्ण की भक्ति में लीन कर देता है।

मंदिर का इतिहास

Radha Damodar Temple Vrindavan राधा दामोदर मंदिर की स्थापना 1542 ई. में श्रीला जिवा द्वारा की गई थी। जब श्री चैतन्य महाप्रभु ने 1516 में अपने प्रमुख शिष्यों श्रीला रूप गोस्वामी और श्रीला सतना को वृंदावन भेजा, तब उन्होंने श्रीकृष्ण और राधा रानी की लीलाओं के स्थानों को खोजकर भक्तों के लिए प्रचार करने का आदेश दिया।

श्रील रूप गोस्वामी ने इस मंदिर के मुख्य मूर्ति को अपने हाथों से निर्मित किया और इसकी सेवा का दायित्व अपने प्रिय शिष्य एवं भतीजे श्रील जीव गोस्वामी को सौंप दिया। तब से यह मंदिर भक्ति मार्ग पर चलने वाले भक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय बन गया।

Radha Damodar Temple Vrindavan

दामोदर जी की प्रकट कथा

Radha Damodar Temple Vrindavan जब श्रील जीव गोस्वामी वृंदावन आए, तब वे अपने गुरु श्रीला रूप गोस्वामी के मार्गदर्शन में भक्ति साधना में लीन हो गए। लेकिन रूप गोस्वामी को अपने आराध्य श्री राधा-दामोदर से विरह की अनुभूति इतनी तीव्र हो गई कि वे किसी अन्य कार्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे। उनके नेत्रों से निरंतर अश्रु बहते रहते थे।

श्रीकृष्ण ने अपनी कृपा से रूप गोस्वामी के स्वप्न में आकर कहा कि वे स्वयं एक मूर्ती के रूप में उनके हाथों से प्रकट होना चाहते हैं। रूप गोस्वामी ने कहा कि वे मूर्ति बनाना नहीं जानते, तब भगवान ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे स्वयं उनके हाथों से प्रकट होंगे।
सुबह जब श्रील रूप गोस्वामी यमुना स्नान के लिए गए, तो उन्होंने एक विशेष पत्थर देखा। उसी पत्थर से उन्होंने भगवान की मूर्ति बनाई। जब उन्होंने भगवान का मुख उकेरा, तो उन्हें गोविंद देव दिखाई दिए। जब उन्होंने छाती उकेरी, तो उन्हें श्री गोपीनाथ जी के दर्शन हुए। जब उन्होंने पैर बनाए, तो उन्हें श्री मदन मोहन जी के दर्शन हुए।

1542 ई. के माघ शुक्ल दशमी को श्री दामोदर की मूर्ति पूर्ण रूप से निर्माण हो गई। यह दिन आज भी मंदिर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

Radha Damodar Temple Vrindavan

श्री राधा रानी और ललिता सखी की मूर्तियाँ

Radha Damodar Temple Vrindavan मंदिर में श्री राधा रानी और ललिता सखी की मूर्तियाँ भी हैं, जो श्री दामोदर के बाएँ और दाएँ स्थित हैं। इन मूर्तियों की उत्पत्ति की कहानी भी अत्यंत रोचक है।
बंगाल में एक मछुआरे को मछली पकड़ते समय जल में दो दिव्य मूर्तियाँ मिलीं। उसने उन्हें राजा को सौंप दिया। उसी रात राजा को स्वप्न आया कि इन मूर्तियों को श्रील जीव गोस्वामी को वृंदावन में अर्पित कर देना चाहिए।

जब मूर्तियाँ जीव गोस्वामी को दी गईं, तो वे उन्हें पहचान नहीं सके। उसी रात श्री राधा रानी ने स्वप्न में आकर बताया कि ये मूर्तियाँ उन्हीं की और ललिता सखी की हैं। तब से ये मूर्तियाँ श्री दामोदर के साथ प्रतिष्ठित होकर पूजी जा रही हैं।

औरंगज़ेब के आक्रमण और मंदिर का पुनःस्थापन

Radha Damodar Temple Vrindavan 1670 में मुघल राजा औरंगजेब ने वृंदावन के मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया। इस भय से कई प्रमुख मूर्तियों को राजस्थान के जयपुर भेज दिया गया।
अधिकांश मंदिरों की मूर्तियाँ वहीं स्थापित कर दी गईं, जैसे गोविंद देव जी, गोपीनाथ जी और मदन मोहन जी। लेकिन श्री राधा दामोदर जी को पुनः 1739 ई. में वृंदावन वापस लाया गया और तब से उनकी पूजा यहाँ निरंतर हो रही है।
कई भक्तों का मानना है कि जयपुर में स्थित दामोदर जी की मूर्ति वास्तविक है, जबकि वृंदावन में पूजी जाने वाली मूर्ति प्रतिबिंब मूर्ति है। लेकिन यह सच नहीं है। वृंदावन में स्थापित मूर्ति ही वास्तविक है और जयपुर में प्रतिष्ठित मूर्ति प्रतिबिंब मूर्ति है।

Radha Damodar Temple Vrindavan

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मंदिर का समय

श्री राधा दामोदर मंदिर में दर्शन और पूजा के लिए निम्नलिखित समय निर्धारित हैं:
सुबह: 4:30 AM – 1:00 PM
शाम: 4:30 PM – 9:00 PM

निष्कर्ष

Radha Damodar Temple Vrindavan श्री राधा दामोदर मंदिर वृंदावन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जहाँ भक्तों को श्री राधा-कृष्ण की दिव्य कृपा प्राप्त होती है। इस मंदिर का इतिहास, भक्ति, और आध्यात्मिक महत्व इसे हर भक्त के लिए एक अनमोल तीर्थ स्थल बनाते हैं। यदि आप वृंदावन जाएँ, तो इस मंदिर में दर्शन करना न भूलें, जहाँ श्रीकृष्ण आज भी अपने भक्तों को दिव्य अनुभूति प्रदान करते हैं।

FAQ

वृंदावन में सबसे पुराना कृष्ण मंदिर कौन सा है ?

श्री राधा मदन मोहन मंदिर, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित एक हिंदू मंदिर है | यह मंदिर वृंदावन के सबसे पुराने और अत्यधिक पूजनीय मंदिरों में से एक है |

राधा दामोदर के देवता कौन हैं ?

मंदिर के प्रमुख देवताओं में श्री राधा दामोदर, श्रील जीव गोस्वामी द्वारा पूजित, श्री राधा वृन्दावन चंद्र, श्रील कृष्ण दास कविराज गोस्वामी द्वारा पूजित, श्री राधा माधव, श्रील जयदेव गोस्वामी द्वारा पूजित, श्री राधा चैलचिकन, श्रील भुगर्भ गोस्वामी शामिल है |

बांके बिहारी का रहस्य क्या है ?

हर दो मिनट में मूर्ति पर पर्दा डाला जाता है ! क्योंकि ऐसा माना जाता है, कि अगर कोई भक्त लगातार बांके बिहारी मूर्ति को देखते है, तो बांके बिहारी सबसे समर्पित भक्त के पीछे-पीछे उनके घर तक चले आते है |

वृंदावन में सबसे रहस्यमयी जगह कौन सी है ?

वृंदावन के सबसे रहस्यमयी स्थानों में से निधिवन को माना जाता है |