Tulja Bhavani Mata Mandir | शिवाजी महाराज की कुलस्वामिनी का दिव्य धाम

Tulja Bhavani Mata Mandir : महाराष्ट्र की पावन धरती पर स्थित तुलजा भवानी माता मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और शक्ति का प्रतीक है। यह मंदिर छत्रपति शिवाजी महाराज की कुलदेवी का निवास स्थान है।

यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। तुलजापुर, जहां यह मंदिर स्थित है, पूरे देश में अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का दर्शन करना अपने आप में एक अद्भुत अनुभव होता है। आइए, इस आर्टिकल में हम आपको तुलजा भवानी माता मंदिर की पूरी जानकारी देते हैं।

Tulja Bhavani Mata

Tulja Bhavani Mata Mandir

Tulja Bhavani Mata Mandir तुलजाभवानी देवी को महाराष्ट्र की कुलस्वामिनी के नाम से जाना जाता है | इस मंदिर में विराजित मां तुलजा भवानी मराठा शासक छत्रपती शिवाजी महाराज की कुलदेवी है | इतिहास के अनुसार मराठा वीर छत्रपति शिवाजी महाराज स्वयं इस मंदिर में माता की आराधना करते थे | वहीं उनका वंश आज भी इस मंदिर में आस्था रखता है और हमेशा देवी के दर्शन के लिए आता है | एक ऐसी किंवदंती है, की छत्रपती शिवाजी महाराज को मां भवानी तलवार प्रदान की थी | जिससे उन्होंने मुगलों को धूल चटाई थी |

तुलजा भवानी माता मंदिर

Tulja Bhavani Mata Mandir यह मंदिर सबसे प्राचीन मंदिर है | मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भवानी माता साक्षात सिद्धीदात्री के रूप में विराजित है | भवानी माता की यह प्रतिमा दिन में तीन बार रूप बदलती है | सुबह के समय बाल्यावस्था, दोपहर के समय युवावस्था और शाम के समय वृद्धावस्था स्वरूप मे देवी के दर्शन होते है |

Tulja Bhavani Mata Mandir

महाराष्ट्र के साढ़े तीन शक्तिपीठों में से श्री तुलजाभवानी देवी का यह प्रसिद्ध तुलजापुर का मंदिर पूर्ण शक्तिपीठ है | यह देवी भगवती यानी भवानी के नाम से विख्यात है | तुलजापुर की भवानी देवी महाराष्ट्र की कुलस्वामिनी, महाराष्ट्र की प्रेरणा देवी क्षत्रतेजा, स्वराज्य के संस्थापक राजा श्री शिव छत्रपति की प्रेरणा और आराध्य देवी है | हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक श्री छत्रपति शिवाजी महाराज ने भवानी तलवार देकर उन्हे हिंदवी स्वराज्य की स्थापना का आशीर्वाद दिया था | भवानी मंदिर के मुख्य पुजारी मराठा भोपे वंश के है |

History Of Tulja Bhavani Mata Mandir

Tulja Bhavani Mata Mandir यह मंदिर सदियों पुराना है और इसका उल्लेख विभिन्न पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि माता भवानी ने यहां महिषासुर का वध किया था, जिससे यह स्थान शक्ति पीठ (Shakti Peeth) बन गया।

छत्रपति शिवाजी महाराज भी माता तुलजा भवानी के अनन्य भक्त थे। ऐसा माना जाता है कि माता ने उन्हें तलवार भेंट की थी, जिससे उन्होंने मुगलों और अन्य शत्रुओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

मंदिर विशेषताएँ

मंदिर परिसर और मुख्य आकर्षण

मंदिर परिसर में कई धार्मिक स्थल और पवित्र स्थान हैं, जहाँ दर्शन करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

भवानी तीर्थ (Bhavani Teerth)

यह एक पवित्र कुंड है, जहाँ भक्तगण स्नान करके शुद्ध होते हैं। यहाँ पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्नान घाट बनाए गए हैं।

गोमुख तीर्थ (Gomukh Teerth)

गोमुख तीर्थ में एक प्राकृतिक झरना है, जिसे बहुत पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इस जल से स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं।

चिंतामणि पत्थर (Chintamani Stone)

मंदिर के पीछे स्थित चिंतामणि पत्थर श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। मान्यता है कि अगर किसी के मन में कोई प्रश्न हो और वह इस पत्थर को हाथ लगाकर प्रार्थना करे, तो उसका उत्तर ‘हाँ’ या ‘ना’ में प्राप्त होता है।

महाद्वार (Mahadwar) और दर्शन व्यवस्था

मुख्य प्रवेश द्वार को महाद्वार कहा जाता है। यहाँ से मंदिर में प्रवेश करने के बाद अलग-अलग होती हैं:

  • धर्म दर्शन– यह मुख्य दर्शन लाइन होती है, जिसमें भक्तों को 4 से 8 घंटे का समय लग सकता है।
  • मुख दर्शन – यहाँ से तुलजा भवानी माता का चेहरा पास से देखने का अवसर मिलता है।
Tulja Bhavani Mata Mandir

माता तुलजा भवानी की प्रतिमा और स्वरूप

मंदिर में स्थापित माता की प्रतिमा अत्यंत दिव्य और भव्य है। माता के स्वरूप की विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  • सिर पर शिवलिंग का मुकुट
  • कानों में त्रिपुंड गंध और कर्णफूल
  • कमर पर चंद्रहार और मंगलसूत्र
  • हाथों में चक्र, त्रिशूल, धनुष, शंख और तलवार
  • सिंह पर सवार माता भवानी

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तुलजाभवानी माता मंदिर में मनाए जाने वाले उत्सव

मंदिर में होने वाले प्रमुख अनुष्ठान और पूजा

मंदिर में कई धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ किए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:

1) नवरात्रि महोत्सव : नवरात्रि के दौरान मंदिर को फूलों से सजाया जाता है और विशेष आरती और भोग की व्यवस्था होती है। इस समय लाखों श्रद्धालु यहाँ माता के दर्शन के लिए आते हैं।

2) कुमारी पूजन : नवरात्रि के दौरान छोटी कन्याओं का पूजन किया जाता है, जो देवी शक्ति का स्वरूप मानी जाती हैं।

3) अन्नदान सेवा : मंदिर में प्रतिदिन हजारों भक्तों को प्रसाद के रूप में भोजन कराया जाता है।

4) गोंधल : यह एक विशेष पारंपरिक पूजा है, जिसमें भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए माता के समक्ष श्रद्धा से अनुष्ठान करते हैं।

तुलजापुर यात्रा के दौरान अन्य दर्शनीय स्थल

अगर आप तुलजापुर आए हैं, तो इन स्थानों का दर्शन भी कर सकते हैं:

  1. पंढरपुर (Pandharpur) – प्रसिद्ध विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर यहाँ स्थित है।
  2. उस्मानाबाद के किले – इतिहास प्रेमियों के लिए बेहतरीन जगह।
  3. श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (Trimbakeshwar Jyotirlinga) – तुलजापुर के पास ही स्थित है।

निष्कर्ष

Tulja Bhavani Mata Mandir सिर्फ एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि शक्ति, भक्ति और इतिहास का संगम है। माता तुलजा भवानी के दर्शन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

अगर आप आध्यात्मिक शांति और ऐतिहासिक धरोहर का अनुभव करना चाहते हैं, तो एक बार तुलजापुर जरूर जाएँ। माता तुलजा भवानी की कृपा से हर भक्त का जीवन सुखमय और समृद्ध हो सकता है।