Vaishno Devi Temple History | इतिहास वैष्णों देवी का जो करती है मूँह माँगी मुरादें पूरी

Vaishno Devi Temple History : वैष्णों देवी मंदिर हिंदुओं का सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है | यह मंदिर समुद्र तल से करीब 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है | इस धार्मिक स्थल की दूरी कटरा से करीब 14 किमी है | यह धार्मिक स्थल जम्मू के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है |

मां वैष्णो देवी

वैष्णो देवी मंदिर भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।स मंदिर की स्थापना और गुफा की खोज से जुड़ी कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। इस लेख में, हम इन कथाओं, इतिहास, और मंदिर की स्थापना के पीछे की कहानियों के बारे मे बात करेंगे |

Vaishno Devi Temple History

वैष्णो देवी गुफा की खोज

वैष्णो देवी गुफा की खोज के संबंध में बहुत सी कथाएं है | एक प्रमुख कथा के अनुसार, लगभग 700 वर्ष पहले एक ब्राह्मण पुजारी, पंडित श्रीधर, कटरा गांव में रहते थे। उनकी माता वैष्णो देवी में गहरी आस्था थी। एक दिन, उन्होंने एक भंडारे का आयोजन करने का निर्णय लिया और आसपास के गांवों में निमंत्रण भेजा। भंडारे के दिन, एक छोटी कन्या प्रकट हुई और सभी अतिथियों को भोजन परोसा। बाद मे वह कन्या अदृश्य हो गई। रात में, माता वैष्णो देवी ने श्रीधर को स्वप्न में दर्शन दिए और उन्हें त्रिकूट पर्वत की गुफा में आने का निर्देश दिया। श्रीधर ने माता के निर्देशानुसार गुफा की खोज की और वहां माता के पिंडी रूप के दर्शन किए।

अन्य कथा के अनुसार, एक गड़रिया (चरवाहा) अपने पशुओं को चराते समय एक गुफा के पास पहुंचा। उसे वहां दिव्य प्रकाश दिखाई दिया और उसने गुफा के भीतर माता के दर्शन किए। इस घटना के बाद, वह स्थान एक पवित्र तीर्थस्थल के रूप में प्रसिद्ध हो गया।

वैष्णो देवी मंदिर का निर्माण

मंदिर के निर्माण के संबंध में भी विभिन्न मान्यताएं हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण किया था। त्रिकूट पर्वत के पास पांच पत्थर की संरचनाएं पाई गई हैं, जिन्हें पांडवों द्वारा निर्मित माना जाता है। एक और अन्य मान्यता के अनुसार, पंडित श्रीधर द्वारा गुफा की खोज के बाद, उन्होंने वहां माता की पूजा शुरू की और धीरे-धीरे यह स्थान एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में विकसित हुआ। समय के साथ, यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण हुआ, जहां आज लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

Vaishno Devi Temple History

वैष्णो देवी से जुड़ी पौराणिक कथाएं

माता वैष्णो देवी से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं है | प्रमुख कथा के अनुसार, माता वैष्णो देवी ने भैरवनाथ नामक तांत्रिक से बचने के लिए त्रिकूट पर्वत की गुफा में शरण ली थी। भैरवनाथ ने माता का पीछा किया, लेकिन अंत में माता ने अपनी दिव्य शक्ति से उसका वध किया। भैरवनाथ ने मरते समय क्षमा याचना की, जिसके बाद माता ने उसे वरदान दिया, कि भक्त उनके दर्शन के बाद भैरवनाथ के मंदिर के भी दर्शन करेंगे।
महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन ने भगवान कृष्ण के निर्देश पर माता वैष्णो देवी की आराधना की थी। माता ने उन्हें विजय का आशीर्वाद दिया, जिसके बाद अर्जुन ने युद्ध में विजय प्राप्त की।

अलग मंदिर : इस मंदिर मे देवी के योनि की लोग करते है पुजा !

वैष्णो देवी मंदिर की वर्तमान स्थिति

आज, वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है। यह मंदिर जम्मू-कश्मीर राज्य के कटरा शहर के पास त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 12 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। मंदिर में माता के तीन रूपों – महाकाली, महालक्ष्मी, और महासरस्वती – की पिंडियों के रूप में पूजा की जाती है। मंदिर की देखभाल और प्रबंधन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा किया जाता है, जो 1986 में स्थापित किया गया था | बोर्ड ने मंदिर परिसर के विकास और सुविधाओं के सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

Vaishno Devi Temple History

मां वैष्णों देवी यात्रा

यात्रा कटरा से शुरू होती है, जहाँ तीर्थयात्री पंजीकरण करते हैं और यात्रा शुरू करते है | यह यात्रा उन्हें त्रिकुटा पर्वत के सुंदर परिदृश्यों से ले जाती है | जहाँ रास्ते में कई पड़ाव और दृश्य दिखाई देते है | अंतिम गंतव्य पवित्र गुफा है, जहाँ भक्त प्रार्थना करते है | चट्टान संरचनाओं को देखते है जिन्हें देवी का प्रतीक माना जाता है |

निष्कर्ष

वैष्णो देवी मंदिर की स्थापना और गुफा की खोज से जुड़ी कई कथाएं और मान्यताएं हैं, जो इस पवित्र स्थल की महिमा को और बढ़ाती हैं। चाहे पंडित श्रीधर की कथा हो या पांडवों द्वारा मंदिर निर्माण की मान्यता, सभी कथाएं माता वैष्णो देवी की दिव्यता और शक्ति का प्रमाण हैं। आज, यह मंदिर करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र है, जहां वे माता के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य मानते हैं।

FAQ

वैष्णो देवी की असली कहानी क्या है ?
एक प्रमुख कहानी राक्षस भैरवनाथ के बारे में है, जो वैष्णो देवी की सुंदरता से मोहित हो गया था और उनसे शादी करना चाहता था | हालाँकि, वैष्णो देवी अपनी तपस्या में लीन थीं और उसके प्रलोभन से बचने के लिए वह भाग गई | भैरवनाथ ने त्रिकूट पर्वत के बीहड़ इलाकों में लगातार उनका पीछा किया था |

वैष्णो देवी के पीछे क्या किंवदंती है ?
एक अन्य किंवदंती के अनुसार 700 साल से भी पहले, वैष्णो देवी, जो भगवान विष्णु की भक्त थीं, उन्होने ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था | एक दिन भैरव नाथ ने उन्हें देखा और उनका पीछा किया | पीछा करते समय, देवी को प्यास लगी और उन्होंने धरती में एक तीर मारा, जहाँ से एक झरना फूट पड़ा |

वैष्णो देवी मंदिर के बारे में क्या खास है ?
यह मंदिर दुनिया भर में लोकप्रिय है | क्योंकि ऐसा माना जाता है, कि यहाँ की देवी “ मूँह माँगी मुरादें पूरी करने वाली माता ” अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करती है | यह पवित्र गुफा 5,200 फीट की ऊँचाई पर स्थित है | तीर्थयात्रियों को कटरा से शुरू होकर लगभग 12 किमी की चढ़ाई करनी पड़ती है |

कटरा वैष्णो देवी में सती का कौन सा अंग गिरा था ?
यह मंदिर सभी शक्तिपीठों ( एक ऐसा स्थान जहाँ माँ देवी, शाश्वत ऊर्जा का निवास है ) में सबसे पवित्र है | क्योंकि माता सती का कपाल का भाग यहाँ गिरा था | दूसरों का मानना ​​है कि उनका दाहिना हाथ यहाँ गिरा था |

क्या वैष्णो देवी शक्ति पीठ है ?
भारत में सबसे महत्वपूर्ण, पवित्र मंदिरों में से एक माना जाने वाला वैष्णो देवी मंदिर भी लोगों की मजबूत मान्यताओं और जुड़ाव के साथ एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है |