Vani Devi Mandir Nashik भारतीय राज्य महाराष्ट्र में नासिक मे सप्तश्रृंगी देवी मंदिर स्थित है | देवी सप्तश्रृंगी निवासिनी सात पर्वत चोटियों के भीतर निवासित है | सप्तश्रृंगी का अर्थ सप्त मतलब सात और श्रंग का अर्थ है चोटियाँ ऐसा होता है | देवी का लोकप्रिय मंदिर “साढ़े तीन शक्तिपीठों” में से एक माना जाता है | श्री सप्तश्रृंगी देवी का गढ़ नासिक से 60 किलोमीटर की दूरी पर कलवन तहसील में स्थित है | यह मंदिर उपमहाद्वीप में स्थित 51 शक्तिपीठों में से एक महत्वपूर्ण मंदिर है | इसी स्थान पर सती का दाहिना हाथ गिरा था |
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर
Vani Devi Mandir Nashik श्री सप्तश्रृंगी गढ समुद्र तल से 4659 फीट की ऊंचाई पर है | यह मंदिर सात चोटियों से घिरा हुआ है और एक पहाड़ी पर स्थित है | इस मंदिर की मुख्य देवता सप्तश्रृंगी देवी है | देवी की मूर्ती आठ फीट ऊँची की है | यह मूर्ती एक बडे चट्टान को काटकर बनाई गई है | देवी के अठारह हाथ है | दोनो तरफ नौ हाथ है | ऊनके हर हाथ मे अलग-अलग प्रकार के हथियार देखने को मिलते है | यह मंदिर नंदूरी गाँव मे सप्तश्रृंगी गढ़ की तलहटी में स्थित है |
श्री सप्तश्रृंगी गढ के परिसर के पहाड़ी में औषधीय गुणों वाली कई प्रकार की वनस्पतियाँ है | यहा पर अलग अलग कुंड है; इनमे कालीकुंड, सूर्यकुंड और दत्तात्रेय कुंड शामिल है | इस मंदिर के ठीक सामने पूर्व दिशा मे , गहरी खाई से विभाजित, मार्कनेय पहाड़ी है | ऐसा कहा जाता है, की इस स्थान पर ऋषि मैकेंडेया ने निवास किया था | उन्होने अपने जीवनकाल में देवी के सामने पुराणों का पाठ किया था | उन्होने ही दुर्गा सप्तशती की रचना की है |
हर साल के चैत्र और आश्विन नवरात्रि में इस श्री सप्तश्रृंगी देवी के गढ पर बड़े मेले लगते है | मंदिर मे भोजन परोसने वाली कैंटीन है | देवी के स्थान से मशाल की ज्योत जलाकर पैदल अपने अपने गांव मे लाया जाता है | नवरात्रि और पूर्णिमा जैसे विशेष त्योहारों के दौरान, मंदिर अपने भक्तों को मुफ़्त भोजन प्रदान करता है |
श्री सप्तश्रृंगी देवी मंदिर तक कैसे पहुंचे ?
हवाई मार्ग से : मंदिर के सबसे नजदिक का हवाई अड्डा ओझर नासिक अंतर्राष्ट्रीय हवाई है | यह हवाई अड्डा शहर के केंद्र से लगभग 24 किलोमीटर दूर स्थित है |
ट्रेन से : इस मंदिर के सबसे नजदिक का रेलवे स्टेशन नासिक रोड है | जो लगभग 75 किलोमीटर दूर है |
सड़क मार्ग : मंदिर तक पहुंचने के लीये नासिक सड़क मार्ग सबसे अच्छा विकल्प है | यह मार्ग सारे मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है | नासिक से सप्तश्रृंगी मंदिर लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है |
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निष्कर्ष
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर नासिक के कलवन तहसील में स्थित है | सात चोटियाँ से घिरा हुआ यह मंदिर नवरात्री मे बडी भीड से भरा हुआ रहता है | नवरात्री के समय देवी के स्थान से मशाल ज्योत जलाकर गांव के मंदिर मे लाया जाता है | यह सप्तश्रृंगी देवी मंदिर धार्मिक दृष्टिकोन से महत्वपूर्ण मंदिर है |
FAQ
वणी देवी नासिक रोपवे की टिकट की कीमत क्या है ?
रोपवे की टिकट की कीमत वयस्कों के लिए 90 रुपये है | मंदिर तक पहुंचणे के लीये 510 सीढ़ियाँ है | इसके लीये रोपवे लेना पड़ता है, जिसमें लगभग 2 मिनट लगते है | बच्चों के लिए 45 रुपये का टिकट है |
वणी देवी का क्या महत्व है ?
क्योंकि, उनके चारों ओर सात चोटियाँ है | देवी भागवत पुराण में सप्तश्रृंगी की सात चोटियों को एक शक्तिपीठ है | सप्तश्रृंगी माता का अर्थ है ” सात चोटियों की माता ” होता है | देवी मंदिर के चारों ओर की पर्वत श्रृंखला को घाड़ कहते है |
वणी नासिक में दर्शन का समय क्या है ?
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर दर्शन का समय : सुबह 6:00 बजे और शाम 9:00 बजे तक का है |
नासिक में कितने शक्तिपीठ है ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी सती की दोनों ठुड्डी इस स्थान पर गिरती है | फिर उसके बाद यह पवित्र हो जाता है और यह स्थान 51 शक्तिपीठों में से एक बन जाता है | यह स्थान निकटतम शहर नासिक से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है |
सप्तश्रृंगी में कितनी सीढ़ियाँ हैं ?
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर मे भक्तों के लिए सीढ़ियाँ भी उपलब्ध है | जो लगभग 500 से अधिक सीढ़ियाँ है |
वणी देवी की ऊंचाई कितनी है ?
मंदिर समुद्र तल से 4659 फीट की ऊंचाई पर स्थित है | सात चोटियों से घिरी एक पहाड़ी पर स्थित है; इसे महाराष्ट्र के सदातीन शक्तिपीठों में से एक अर्ध शक्तिपीठ है | देवी की मूर्ती लगभग आठ फीट ऊंची की है, जो बडे चट्टान से बनाई हुई है |
नासिक में प्रसिद्ध माता मंदिर कौन सा है ?
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर एक दो मंजिला मंदिर है | जिसमें सबसे ऊपरी मंजिल पर देवी विराजमान है | देवी की मूर्ति स्वयंभू है | जिसे पहाड़ की खड़ी चट्टान पर उकेरा गया था |