Vani Devi Mandir Nashik | श्री सप्तश्रृंगी गढ ( वणी ) देवी के साढ़े तीन शक्तिपीठों मे से एक है यह मंदिर

Vani Devi Mandir Nashik वणी देवी मंदिर, जिसे सप्तश्रृंगी माता मंदिर भी कहा जाता है, नासिक के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में स्थित है और इसे अर्धशक्ति पीठ के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह पहाड़ों के बीच स्थित है और भक्तों को यहां पहुंचने के लिए पहाड़ों की चढ़ाई करनी पड़ती है या रोपवे का सहारा लेना पड़ता है।

सप्तश्रृंगी देवी मंदिर

Vani Devi Mandir Nashik श्री सप्तश्रृंगी गढ समुद्र तल से 4659 फीट की ऊंचाई पर है | यह मंदिर सात चोटियों से घिरा हुआ है और एक पहाड़ी पर स्थित है | इस मंदिर की मुख्य देवता सप्तश्रृंगी देवी है | देवी की मूर्ती आठ फीट ऊँची की है | यह मूर्ती एक बडे चट्टान को काटकर बनाई गई है | देवी के अठारह हाथ है | दोनो तरफ नौ हाथ है | ऊनके हर हाथ मे अलग-अलग प्रकार के हथियार देखने को मिलते है | यह मंदिर नंदूरी गाँव मे सप्तश्रृंगी गढ़ की तलहटी में स्थित है |

Vani Devi Mandir Nashik

मंदिर का महत्व और मान्यताएँ

अर्धशक्ति पीठ का दर्जा

वणी देवी मंदिर सप्तश्रृंगी गढ़ पर स्थित है और इसे 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता सती का ऊपरी होंठ इसी स्थान पर गिरा था, जिसके कारण यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है।

स्वयंभू मूर्ति

मंदिर में स्थापित माता सप्तश्रृंगी की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है, जिसका अर्थ है कि यह मूर्ति किसी मनुष्य द्वारा निर्मित नहीं है बल्कि स्वाभाविक रूप से बनी हुई है। यह मूर्ति करीब 8 फीट ऊंची है और इसमें माता के 18 हाथ दर्शाए गए हैं।

महिषासुर का वध

माना जाता है कि इसी स्थान पर माता ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए यहाँ नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

Vani Devi Mandir Nashik

श्री सप्तश्रृंगी देवी मंदिर तक कैसे पहुंचे ?

वणी देवी मंदिर, नासिक से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए कुछ प्रमुख विकल्प उपलब्ध हैं:

बस सेवा : नासिक के पुराने CBS बस स्टैंड से हर आधे से एक घंटे में सरकारी बस (ST बस) चलती है, जिसका किराया लगभग 120 रुपये होता है। यह बस आपको लगभग 2 घंटे में मंदिर तक पहुंचा देती है।

रोपवे सुविधा : पार्किंग एरिया के पास स्थित टिकट काउंटर से रोपवे की टिकट खरीदी जा सकती है। इसकी टिकट दरें कुछ इस प्रकार हैं:
बड़ों के लिए: ₹200 प्रति व्यक्ति
छोटे बच्चों के लिए: ₹50 प्रति व्यक्ति
सीढ़ियों से जाने का विकल्प: भक्त चाहें तो लगभग 400 सीढ़ियां चढ़कर भी मंदिर तक जा सकते हैं। इसमें लगभग 40 मिनट का समय लगता है।

Vani Devi Mandir Nashik

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मंदिर के दर्शन का समय

मंदिर दर्शन के लिए निम्नलिखित समय निर्धारित किया गया है:
सुबह: 6:00 AM से 12:30 PM तक
शाम: 4:00 PM से 9:00 PM तक

प्रसाद और भोजन सुविधा

मंदिर परिसर में भक्तों के लिए प्रसादालय की सुविधा उपलब्ध है। यहाँ दो प्रकार के भोजन की सुविधा है:
साधारण थाली: ₹20
VIP थाली: ₹60
भक्त निवास सुबह 8:00 AM से दोपहर 2:30 PM और शाम 7:00 PM से रात 9:00 PM तक खुला रहता है।

पवित्र जलकुंड और अन्य धार्मिक स्थल

मंदिर परिसर में 108 जलकुंड हैं, जिनका जल अत्यंत पवित्र माना जाता है। इन कुंडों में स्नान करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

मार्कंडेय पर्वत

यह पर्वत मंदिर परिसर से दिखाई देता है और इसे बहुत पवित्र माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि मार्कंडेय यहां तपस्या किया करते थे।

शिव मंदिर

मंदिर के पास एक अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर स्थित है, जो काले पत्थरों से बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर और दर्शनीय है।

निष्कर्ष

Vani Devi Mandir Nashik वणी देवी मंदिर नासिक न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि एक अद्भुत प्राकृतिक स्थान भी है। माता सप्तश्रृंगी के दर्शन के साथ-साथ यहाँ की खूबसूरत पहाड़ियाँ, पवित्र जलकुंड, शिव मंदिर और ऐतिहासिक स्थल एक भक्त को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करते हैं। यदि आप नासिक की यात्रा पर हैं, तो इस पवित्र स्थान के दर्शन अवश्य करें।

FAQ

वणी देवी नासिक रोपवे की टिकट की कीमत क्या है ?
रोपवे की टिकट की कीमत वयस्कों के लिए 90 रुपये है | मंदिर तक पहुंचणे के लीये 510 सीढ़ियाँ है | इसके लीये रोपवे लेना पड़ता है, जिसमें लगभग 2 मिनट लगते है | बच्चों के लिए 45 रुपये का टिकट है |

वणी देवी का क्या महत्व है ?
क्योंकि, उनके चारों ओर सात चोटियाँ है | देवी भागवत पुराण में सप्तश्रृंगी की सात चोटियों को एक शक्तिपीठ है | सप्तश्रृंगी माता का अर्थ है ” सात चोटियों की माता ” होता है | देवी मंदिर के चारों ओर की पर्वत श्रृंखला को घाड़ कहते है |

वणी नासिक में दर्शन का समय क्या है ?
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर दर्शन का समय : सुबह 6:00 बजे और शाम 9:00 बजे तक का है |

नासिक में कितने शक्तिपीठ है ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी सती की दोनों ठुड्डी इस स्थान पर गिरती है | फिर उसके बाद यह पवित्र हो जाता है और यह स्थान 51 शक्तिपीठों में से एक बन जाता है | यह स्थान निकटतम शहर नासिक से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है |

सप्तश्रृंगी में कितनी सीढ़ियाँ हैं ?
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर मे भक्तों के लिए सीढ़ियाँ भी उपलब्ध है | जो लगभग 500 से अधिक सीढ़ियाँ है |

वणी देवी की ऊंचाई कितनी है ?
मंदिर समुद्र तल से 4659 फीट की ऊंचाई पर स्थित है | सात चोटियों से घिरी एक पहाड़ी पर स्थित है; इसे महाराष्ट्र के सदातीन शक्तिपीठों में से एक अर्ध शक्तिपीठ है | देवी की मूर्ती लगभग आठ फीट ऊंची की है, जो बडे चट्टान से बनाई हुई है |

नासिक में प्रसिद्ध माता मंदिर कौन सा है ?
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर एक दो मंजिला मंदिर है | जिसमें सबसे ऊपरी मंजिल पर देवी विराजमान है | देवी की मूर्ति स्वयंभू है | जिसे पहाड़ की खड़ी चट्टान पर उकेरा गया था |